उज्जैन. लोकायुक्त द्वारा गुरुवार को ट्रैप किए चिमनगंज थाने के आरक्षक रवि कुशवाह द्वारा रिश्वत के 25 हजार देकर आसिफ निवासी गांधी नगर को भगा दिया था। इसमें लोकायुक्त उसे तलाश कर रही थी। इसी बीच शनिवार को वह गाड़ी अड्डे पर झुलसी हालत में मिला। कुछ लोगों ने उसे ऑटो रिक्शा से अस्पताल भेजा था जहां से उसे इंदौर रेफर कर दिया था, जहां रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। आसिफ की इंदौर में मौत के बाद दोपहर में उसके परिजन क्षेत्रीय पार्षद शिवेंद्र तिवारी को साथ लेकर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। यहां मां रुखसाना बी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वालों ने ही मेरे बेटे को जिंदा जला दिया, घर आकर बोल गए थे कि चिंता मत करो वह दो दिन में आ जाएगा, साथ में कुछ रुपए भी दिए थे। उसकी हत्या में पुलिस वाले ही शामिल हैं तो हमें न्याय कैसे मिलेगा।
इधर इस घटनाक्रम के सीसीटीवी वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें आसिफ मुंह पर कपड़ा बांध फाजलपुरा की ओर जाते दिखाई दे रहा है, वहीं झुलसी हालत में आसिफ ने भी आरोप लगाए थे कि उसे किसी काले सफारी पहने और मुंह पर नकाब डाले अधेड़ ने पेट्रोल डाल जला दिया। ऑटो रिक्शा में कुछ लोगों द्वारा अस्पताल ले जाते समय भी वह बोला था कि पुलिस वालों ने ही मुझे जिंदा जला दिया। हालांकि अब तक पुलिस के हाथ जो सीसीटीवी लगे हैं उसमें किसी जलाने वाले की पुष्टि नहीं हो रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी।
आसिफ की मौत से किसको फायदा?
गुरुवार को रिश्वत लेते ट्रैप हुआ रवि कुशवाह चिमनगंज थाने का आरक्षक था, वह लगातार वाट्सएप कॉल और मोबाइल कॉल कर पूर्व सटोरिए संजय सूर्यवंशी को धमका रहा था कि लोकायुक्त को जो कॉल रिकार्डिंग मिली है उसमें रवि कुशवाह कह रहा है कि हम पांच लोग शामिल हैं जिसमें एसआइ परिहार भी हैं, तुझे डेढ़ लाख तो देना ही होंगे। रवि कुशवाह ने ही आसिफ को रिश्वत के 25 हजार देकर भगा दिया था। अब आसिफ की झुलसने से मौत हो गई। वहीं परिवार वालों का आरोप है कि उसे पुलिस वालों ने जला दिया। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे है कि आखिर आसिफ की मौत से किसको फायदा होने वाला था?
उठ रहे सवाल…
1. पुलिस की बड़ी लापरवाही- मृत्यु पूर्व बयान क्यों नहीं लिए
शनिवार रात करीब 10.30 बजे आसिफ गाड़ी अड्डा पर झुलसी हालत में मिला, उसे व्यवसायी नवनीत सक्सेना ने ऑटो रिक्शा से अस्पताल भेजा था। इस बीच पुलिस और सम्बधित अधिकारियों ने उसके मृत्यु पूर्व बयान क्यों नहीं लिए? अगर मृत्यु पूर्व बयान होते तो स्थति साफ होती। हालांकि जो वीडियो सामने आए हैं उसमें वह कह रहा है कि पुलिस वालों ने मुझे मिलने बुलाया था। किसी काले कलर के सफारी वाले ने पेट्रोल डाल आग लगा दी।
2. ज्वलनशील पदार्थ की बॉटल और माचिस सुलभ कॉम्पलेक्स में मिली
एसपी सचिन शर्मा व पुलिस अधिकारियों ने घटना स्थल का जायजा लिया तो पता चला कि सुलभ कॉम्पलेक्स में ज्वलनशील पदार्थ की बॉटल मिली यह बॉटल खड़ी मिली थी पास में माचिस की डिब्बी भी पड़ी थी। सवाल खड़े हो रहे हैं कि खुद को आग लगाने वाला इन्हें व्यवस्थित हालत में कैसे रखेगा।
3. दूसरा मोबाइल किसने दिलाया, किसने गाड़ी अड्डा मिलने बुलाया
आसिफ का मोबाइल फरार होने के बाद से बंद था, पुलिस को उसके पास से दूसरा मोबाइल मिला है। उसे दूसरा मोबाइल दिलाने और गाड़ी अड्डा बुलाने वाले कौन थे? यह उसकी कॉल रेकॉर्ड से पता चलेगा। यह बात सामने आ रही है अगर आसिफ को मरना था तो वह कहीं भी आत्महत्या कर सकता था।