इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर से लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है। दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। यहां होने वाले आयोजनों को लेकर बैठकें भी मंदिर परिसर के अंदर ही होती है। लेकिन अब यहां की इस व्यवस्था में आगामी समय में बदलाव हो जाएगा। मंदिर के पिछले हिस्से में G+2 बिल्डिंग तैयार की जा रही है। हालांकि इसका निचला हिस्सा तो तैयार है, ऊपरी मंजिल पर एक कॉन्फ्रेंस रूम तैयार किया जा रहा है, जो हाईटेक होगा। यहां आने वाले अधिकारियों के साथ चर्चा और बैठकें इस कॉन्फ्रेंस हाल में ही तैयार होने के बाद होगी।
अभी की स्थिति ऐसी है
फिलहाल की स्थिति की बात करें तो मंदिर में होने वाले आयोजनों को लेकर भक्त मंडल के साथ बैठक मंदिर परिसर के अंदर ही जमीन पर दरी या गादी बिछाकर बैठकर करना पड़ती है। भक्तों की संख्या ज्यादा होने पर मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास खुद उनके साथ बैठकर मंदिर के आयोजनों की रूप रेखा तैयार करते है। आयोजनों को लेकर यहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का भी आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में उन्हें बैठाने के लिए फिलहाल जो ऑफिस है, वो छोटा पड़ता है। इसे देखते हुए पूर्व में मंदिर में एक कॉन्फ्रेंस हॉल तैयार करने के निर्देश दिए गए थे।
2400 स्क्वायर फीट में हो रहा तैयार, ये रहेगी सुविधा
मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि मंदिर के पिछले हिस्से में 2400 स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन पर यह कॉन्फ्रेंस हॉल तैयार किया जा रहा है। इसके निचले हिस्से में मंदिर का सामान रखा जाएगा। ऊपरी मंजिल का काम चल रहा है। कॉन्फ्रेंस हाल में 35 से ज्यादा लोगों की एक साथ बैठने की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा इसमें एलईडी स्क्रीन, प्रोजेक्टर, माइक, कुर्सियां सहित वो सभी व्यवस्था इसमें की जाएगी जैसी एक हाईटेक कॉन्फ्रेंस हाल में रहती है। उन्होंने बताया कि इस काम में करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च होगा।
मंदिर प्रशासन के अधिकारी के लिए ऑफिस
इसके साथ ही यहीं पर एक ऑफिस भी तैयार किया जा रहा है। जहां पर मंदिर प्रशासन के अधिकारी व अन्य अधिकारी बैठ सकेंगे। यहां भी पूरी सुविधा रहेगी। इसके अलावा ऊपरी मंजिल पर ही कुछ कमरे बनवाए जाएंगे। पं.दीपेश व्यास ने बताया कि यहां होने वाले आयोजनों में मंदिर की सजावट करने के लिए बाहर से कई कारीगर आते है। ऐसे में वे मंदिर परिसर में ही रुकते है। यहां कैमरे तैयार होने पर उनके रुकने की व्यवस्था यहां की जा सकेगी। सभी कमरे तैयार होने के बाद यहां बाहर से आने वाले संतो को ठहराने के विषय में निर्णय लिया जाएगा।