उज्जैन सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर विभिन्न मांगो को लेकर हड़ताल पर रहे – 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी

उज्जैन में मंगलवार को दो घंटे तक हड़ताल पर रहे डॉक्टर, डाक्टरों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी करते हुए अपनी मांगो को रखा और मांग नहीं मानी जाने के सूरत में आगामी तीन मई से बेमियादी हड़ताल पर जाने की चेतवानी दी।

उज्जैन के जिला चिकत्सालय में डाक्टरों के दो घंटे हड़ताल पर रहने के कारण कई सेवा प्रभावित हुई। हालांकि इमरजेंसी चालु रही लेकिन स्पेश्लिइस्ट हड़ताल पर रहे , प्रदेश में हुई हड़ताल दो घंटे की थी केंद्र के समान डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति) और प्रशानिक अधिकारियों का हस्तक्षेप कम करने , बड़े पदों पर सीनियर डाक्टरों की भर्ती की मांग को लेकर उज्जैन के अधिकाँश सरकारी डॉक्टर्स ने आंदोलन शुरू कर दिया। 3 मई से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। एमपी हेल्थ, मेडिकल एजुकेशन,एनएचएम संविदा डॉक्टर व बोंडेट डॉक्टर ने प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि काम बंद रखने के बावजूद यदि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सा महासंघ के प्रमुख संयोजक डॉ. महेश मरमट ने बताया कि इस बार बिना आदेश हड़ताल वापस नहीं होगी। हड़ताल में प्रमुख रूप से डॉ महेश मरमट, डॉ संजय राणा, डॉ नित राज गौड़, डॉ श्रेय,और डॉ नरेंद्र गोमे उपस्थित रहे।

3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर-

महासंघ के अनुसार,डॉक्टरों ने कई मुद्दें जैसे प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डीएसीपी, डॉक्टरों की परेशानी,बड़े पदों पर सीनियर डाक्टरों की भर्ती, केंद्र के समान डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति) को लेकर प्रदेश सरकार से सभी चिकित्सकों के संगठन शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। सीएम ने 1 महीने में मुद्दों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था। वहीं, तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया था लेकिन आज तक हमारी मांगे नहीं मानी गई। राज्य सरकार वादा खिलाफी कर रही है। आगामी 3 मई से बड़े आंदोलन की चेतावनी देते हुए डाक्टरों ने कहा कि उस दिन से कार्य पूर्ण रूप से बंद रहेगा।

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