रविवार को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि होने से सुबह से ही मोक्षदायिनी क्षिप्रा तट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। घाट पर लोगों ने पितरों के निमित्त पिंडदान व जल तर्पण भी किया।
आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि का महत्व होने के कारण परिवार को शिप्रा तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी मां शिप्रा में स्नान कर पूजन पाठ किया। रविवार का अवकाश होने के कारण प्रदेश भर के श्रद्धालु शिप्रा स्नान और भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बीमारी से ग्रसित लोगों ने शिप्रा के तट पर पूजन अर्चन कर तंत्र क्रिया भी की। बताया जाता है कि आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि पर भूत प्रेत या अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों को शिप्रा में स्नान कराने के बाद पूजन कर उपचार किया जाता है।