सागर के दक्षिण वन मंडल अधिकारी कार्यालय में 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने वनरक्षक को रंगेहाथ पकड़ा है। वह फर्नीचर की दुकान खोलने रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र देने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। मामले में लोकायुक्त टीम वनरक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
जानकारी के अनुसार वीरेंद्र पुत्र शंकरलाल जाटव निवासी देवरी ने लोकायुक्त कार्यालय सागर में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि उसे फर्नीचर की दुकान खोलना है। जिसके लिए वन विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था। लेकिन दुकान खोलने रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र देने के एवज में वनरक्षक राजकुमार मौर्य राजस्व शाखा कार्यालय वन मंडल अधिकारी दक्षिण ने 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। शिकायत मिलते ही लोकायुक्त ने जांच शुरू की। जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद बुधवार को लोकायुक्त की टीम कार्रवाई के लिए रवाना हुई।
टीम ने शिकायतकर्ता को तैयार कर रिश्वत की राशि 4 हजार रुपए लेकर भेजा। शिकायतकर्ता वीरेंद्र ने दक्षिण वन मंडल अधिकारी कार्यालय में पहुंचकर रिश्वत की राशि वनरक्षक राजकुमार को दी। रिश्वत देते ही इशारा किया। इशारा मिलते ही लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी और वनरक्षक राजकुमार को रंगेहाथ 4 हजार की रिश्वत के साथ धरदबोचा। मामले में लोकायुक्त की टीम आरोपी वनरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई टीम में लोकायुक्त उपुअ मंजू सिंह, निरीक्षक अभिषेक वर्मा, प्रआर महेश हजारी, आरक्षक आशुतोष व्यास, सुरेंद्र ठाकुर, संजीव अग्निहोत्री आदि शामिल थे।