आगर मालवा जिले के सोयत तहसील की घटना को अंजाम देने में जितेंद्र ने स्वयं के बैग व कपड़े, जूते, मोबाइल नदी किनारे फेंक कर फरार हो गया था।
जितेन्द्र मालवीय 26.06.23 को रात बजे पीथमपुर, इन्दौर काम करने जाने की बोलकर निकला था जिसका दिनांक 27.06.23 में कपड़े, बैग, मोबाईल फोन आदि देवली सोयत रोड पर रास्ते में नदी के पास अलग अलग पड़े मिले थे। जितेन्द्र से सम्पर्क करने पर किसी प्रकार का कोई सम्पर्क नही हो पा रहा था।
जितेन्द्र मालवीय के बैग, कपडे, मोबाईल आदि नदी किनारे लावारिस हालत में मिलने से क्षेत्र में जितेन्द्र के गुम होने की सूचना चर्चा का विषय बनी हुई थी तथा आम जन जितेंद्र के गुम होने के सम्बंध में कई प्रकार के कयास लगा रहे थे।
जितेंद्र ने बताया कि में ग्रेजुएट होकर शिक्षित बेरोजगार हूँ, मैं कंप्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल रिपेयरिंग सिखना चाहता था लेकिन इसके लिए मेरे परिवार वाले तैयार नहीं थे इसलिए उस रात मैं घर से दो बैग लेकर आया था जिसे मैंने देवली रास्ते पर बिखेरकर और यहीं थोड़ी दूर पर मेरा मोबाइल जो लावा कंपनी का है जिसमें सिम लगी थी उसे भी मैंने नदी पर ही फेंक दिया था ताकि घर वाले मुझसे किसी भी प्रकार का संपर्क न कर सके ,फिर मैं सोयत के माचलपुर चौराहे पर से बस के द्वारा झालावाड़ पहुंचा झालावाड़ से कोटा फिर मैं भोपाल पहुंचा, कमरा किराए से लिया व कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर में 3 महीने का कोचिंग करना था तीन माह की ट्रेनिंग के बाद मैं सीधा अपने गांव आ जाता इतना सब मैंने अपना भविष्य व रोजगार की तलाश के लिए किया।
उक्त सराहनीय कार्य में थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण सिंह देवड़ा, सायबर प्रभारी उनि जितेंद्र सिंह चौहान,प्रआर 295 प्रदीप पानेरी, आर. 118 होकम दांगी, आर. 85 शैलेंद्र सिंह (साइबर सेल) का योगदान रहा।