प्रशासन की व्यवस्थाओं को कोस रहे हैं श्रद्धालु
उज्जैन। सावन भादो मास में सोमवार को निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी देखने देश-विदेश से लोगों का हुजूम उज्जैन पहुंचता है। श्रद्धालु घंटों खड़े रहकर सवारी आने का इंतजार करते हैं। टकटकी लगाए खड़े श्रद्धालु को जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी के आने की आहट लगती है तो वह भाव विभोर हो जाते हैं और भगवान के दर्शन करने के लिए बेताब रहते हैं लेकिन सवारी में श्रद्धालुओं के साथ जिस तरह का अत्याचार हो रहा है वह अशोभनीय है साथ ही उज्जैन की छवि को भी खराब कर रहा हैं। अक्सर सवारी में देखने को मिलता है कि पुलिस प्रशासन उमड़ती भीड़ को काबू करने के लिए धक्का-मुक्की करते हैं लेकिन तीसरी सवारी में तो पुलिसकर्मी ने हद ही कर दी एक श्रद्धालु सवारी की पालकी के नजदीक बड़ा तो उसको पुलिसकर्मी ने तीन चार थप्पड़ जड़ दिए साथ ही पालकी को पकड़कर चल रहे पुजारी ने भी कुछ लोगों को धक्के देकर थप्पड़ मारे। इस तरह का व्यवहार श्रद्धालु के साथ सवारी मैं किया गया।
यह बात भारत तिब्बत समन्वय संघ के नगर जिला मंत्री मंगेश श्रीवास्तव ने कहते हुए कहा कि श्रध्दालुओं के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं। साथ ही उज्जैन प्रशासन ने तो पूर्व में सिंहस्थ जैसे बड़े बड़े धाम्रिक आयोजन सफलता पूर्वक हो चुके है जिसमें लाखों नहीं करोड़ो श्रध्दालु उज्जैन आये और सिंहस्थ जैसे महापर्व घर-घर लौटे उनके साथ किसी प्रशासन अन्य कोई धक्का मुक्की या फिर दुर्व्यवहार नहीं हुआ फिर आज बाबा महाकाल की सवारी में ऐसे पुलिस प्रशासन का व्यवहार ठीक नहीं वहीं पुलिस प्रशासन को श्रध्दालुओं के साथ कैसे व्यवहार को इसका प्रशिक्षण एवं पुलिस वालों का मेडिकल 12 घंटे पहले होना चाहिये ताकि उनके व्यवहार की जानकारी लग सके। यह बात भारत तिब्बत समन्वय संघ के मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि आगे से ऐसा कोई कार्य न हो जिससे उज्जैन नगरी का नाम खराब हो।