आगर जिले की सीमा पर मंगलनाथ महादेव का सबसे बड़ा मंदिर फिर भी प्रशासन का नहीं ही ध्यान सावन में भक्त आते हैं बड़ी दूर–दूर से दर्शन करने

आगर–मालवा जिले का एक ऐसा महादेव का मंदिर जहां प्रशासन का नही है ध्यान सावन के चलते भक्त दूर–दूर से दर्शन के लिए आते हैं जिले की सीमा पर कोलुखेड़ी गांव के लखुंदर व टिल्लर नदी संगम के तट पर विराज मान हैं मंगलनाथ महादेव मंदिर बताया जाता हैं यह मंदिर हजारों वर्षों से अधिक पुराना हैं मंदिर समिति के अध्यक्ष रामनाथ सिंह सोलंकी ने बताया की प्रशासन का इस मंगलनाथ महादेव मंदिर पर जरा सा भी ध्यान नहीं है जबकि आगर जिले का दूसरा सबसे बड़ा मंगलनाथ महादेव का मंदिर हैं साथ ही उनका कहना है की मंदिर पर अखंड ज्योति व रामायण का पाठ सन् 1978 से चल रहा हैं सावन के चलते बाबा मंगलनाथ महादेव का मनमोहक श्रृंगार किया जाता हैं जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा मंगलनाथ महादेव से मांगते हैं बाबा सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं साथ ही जो भी विकाश मंदिर में हो रहा हैं वह सभी समिति द्वारा ही हो रहा हैं मंदिर पर शिव रात्रि व कार्तिक की पूर्णिमा पर मैला भी लगता हैं

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