गस्त डयूटी के दौरान पुलिस कर्मचारियों पर फायरिंग करने वाले अभियुक्त को सुसनेर न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायालय (श्रीमान पंकज कुमार वर्मा) सुसनेर ने 05.05 साल के सश्रम कारावास और कुल 7000 रू जुर्माने से दण्डित किया।
मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ पवन सौलंकी, सुसनेर ने बताया कि रात्री करीबन 01ः35 बजें के लगभग भ्रमण करते हुए नरबदिया नाला तरफ गये जहां पर देशी शराब दुकान के पास आड में एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में खडा दिखा, जिसको मैनें व मेरे साथी आरक्षक ने टोका कि इतनी रात में यहां क्या कर रहे हो तो इतने में दुकान की आड से दो व्यक्ति और निकले तीनों भागे भागनें वालों में से एक सुसनेर का बल्लू उर्फ शाकीर खां था जिसे मैं पहले से जानता हॅू फिर बल्लू ने मुझे जान से मारने की नियत से मेरे उपर कटटे से फायर कर दिया इसके बाद भी मैनें अपनी जान की परवाह नही करते हुए इनमे से दो में से एक को मैनें पकड लिया तो उसके साथ में भी कटटा था उसने कटटे के बट की मुझे मारी तो मुझे नाक पर दाहिनें तरफ लगी खून निकल आया मैनें फिर भी उसे नही छोडा उसने एक ओर मारी जो मुझे दाहिने आख नीचे लगी चक्कर आने से मैं गिर गया गोली की आवाज सुनकर कस्बे के पास पाईंट पर गस्त करने वाला आर. पदम शाक्य आ गया जिसने थाने पर सूचना कि महेंद्र व मेरे उपर दोनों व्यक्तियों ने जान से मारने की नियत से ही गोली चलाई थी गोली हमें नही लगी तीनों व्यक्तियों जिनकी उम्र लगभग 20 से 30 साल के थे हम अपनी डयूटी कर रहे थे डयूटी के दौरान की इन बदमाशों को टोका था मेरे साथ मारपीट व फायर पर ये लोग मौके से भाग गये थे अन्यथा ये हथियारबंद तीनों बदमाश सुसनेर में कई बडी घटना घटित कर देंते फिर थाने से शेलेंद्र सिंह दीवान जी आ गए जो साथी आरक्षकों की मदद से सुसनेर अस्पताल ईलाज हेतु ले गये वहां से मुझे रैफर करने पर जिला चिकित्सालय आगर लाये है जहां वार्ड में मेरा ईलाज चल रहा है सो रिपोर्ट करता हॅू कार्यवाही की जावें अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र धारा 307,353,332,34,325 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट में माननीय न्यायालय में पेश किया गया
यह कि प्रकरण में विवेचना उनि आलोक परेटिया के द्वारा की गई।
प्रकरण को राज्य शासन द्वारा जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की सूची में शामिल किया गया ।
जहाँ से माननीय न्यायालय ने एडीपीओं श्री पवन सौलंकी के तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त (01) को निम्नानुसार दण्ड से दण्डित किया
क््रमांक धारा दण्ड
1 307/34 भादवि 05 साल का सश्रम कारावास एवं 2000 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 06 माह का सश्रम कारावास
2 333/34 भादवि 03 साल का कठोर कारावास एवं 1000 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में तीन माह का सश्रम कारावास
3 25 आर्म्स एक्ट 01 साल का कठोर कारावास एवं 500 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास
उक्त सभी सजायें अभियुक्त को एक साथ भुगतायी जायें
अभियुक्त (02) को निम्नानुसार दण्ड से दण्डित किया
क््रमांक धारा दण्ड
1 307/34 भादवि 05 साल का सश्रम कारावास एवं 2000 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 06 माह का सश्रम कारावास
2 333/34 भादवि 03 साल का कठोर कारावास एवं 1000 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में तीन माह का सश्रम कारावास
3 25 आर्म्स एक्ट 01 साल का कठोर कारावास एवं 500 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास
उक्त सभी सजायें अभियुक्त को एक साथ भुगतायी जायें
आज दिनांक को एक अन्य अभियुक्त फरार होने से उसका निर्णय लंबित है।
प्रकरण में महत्वपूर्ण सहयोग कोर्ट मोर्हरिर आरक्षक 230 श्री आशीष सोनी एवं तत्कालीन थाना मुंशी आरक्षक 58 देवेंद्र गुर्जर तथा थाना मुंशी सुसनेर आरक्षक 231 श्री रामेश्वर यादव , सहायक ग्रेड 03 कृष्णकांत अग्रवाल के द्वारा किया गया।
पवन सोलंकी
विशेष लोक अभियोजक,
सुसनेर जिला आगर मालवा