उज्जैन:केडी गेट से इमली तिराहे तक रोड चौड़ीकरण के धर्मस्थलों को हटाने का मामला अभी अधर में पड़ा हुआ है, जबकि लालबाई फुलबाई मंदिर के पास चौराहा विकसित करने की डीपीआर तैयार हो गई है। इसके अनुसार एक मंदिर के पास के तीन मकानों को करीब सात सात फीट और तोडऩा पड़ सकता है।
नगर निगम ने रोड चौड़ीकरण की योजना आर्किटेक्ट इंजीनियर आकाश वेशमपायन से तैयार कराई है। रोड के दो चौराहों को विकसित करने की तैयारी भी चल रही है। केडी गेट और लालबाई फुलबाई चौराहे की डीपीआर भी इंजीनियर वेशमपायन से तैयार कराई गई है।
लालबाई फुलबाई चौराहे की डीपीआर के अनुसार इमली तरफ जाते समय बाईं ओर के माता मंदिर के पास से दूसरा रास्ता निकालने की योजना है। इसके लिए तीन या चार मकानों को 6 से 7 फीट और तोडऩा पड़ेगा। इससे वाहनों के आवागमन में आसानी होगी। मंगलवार को इस डीपीआर के अनुसार काम कराने के लिए निगम के अधिकारी तैयारी करेंगे।
अब 10 मीटर का होगा रास्ता
अभी लालबाई फुलबाई चौराहे के पास केवल 5 मीटर का ही रास्ता है। एक मंदिर के पास से दूसरा रास्ता करीब 5 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इससे कुल 10 मीटर चौड़ा रास्ता हो जाएगा।
मंदिर न तोडऩे का मुद्दा इसलिए उठा…
केडी गेट रोड के मंदिरों को न तोडऩे का समर्थन करने के मामले को लेकर भाजपा में आंतरिक हलचल मची हुई है। सूत्रों के अनुसार सीएम शिवराजसिंह चौहान के पास अब यह बात पहुंची है कि पहले धर्मस्थलों को हटाने के लिए पार्टी में सहमति थी, लेकिन बाद में इसको लेकर विरोध जगजाहिर होने के पीछे बड़ी वजह यह चर्चा में आई है कि सिंहस्थ बायपास की जमीन को आवासीय से वापस कृषि उपयोग कर सिंहस्थ के लिए आरक्षित किया जा रहा है। सरकार का यह फैसला सामने आने के बाद स्थानीय भाजपा में भी केडी गेट रोड के जैन मंदिरों को लेकर यह अंतर्विरोध की स्थिति बनी है।