उज्जैन सहित पूरे मध्यप्रदेश में पहली बार चुनाव आयोग की नई तैयारी

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उज्जैन:इस बार विधानसभा चुनाव बुजुर्गों के लिए एक नया और सुखद अनुभव लेकर आएगा। 80 साल के बुजुर्ग घर बैठे ही अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट डाल सकेंगे। पहली बार इस तरह की वोटिंग कराने के लिए उज्जैन के 227 सेक्टर ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह वोटिंग कराने के लिए ईवीएम आदि लेकर एक टीम घर घर जाएगी।

विधानसभा चुनाव को लेकर उज्जैन में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बार चुनाव आयोग ने कई नए कदम उठाए हैं। खास यह कि सेक्टर अधिकारी टीम के साथ अचार संहिता लागू होने से पहले ही अपने अधिकार क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर जाएंगे और पता करेंगे कि वहां कोई परेशानी तो नहीं है।

चुनाव से पहले सभी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। बीएलओ के साथ समन्वय भी सेक्टर अधिकारी को करना है और उनके साथ ग्राम सभा में भी उपस्थित रहना है। पहले यह काम आचार संहिता लागू होने के बाद होता था। इस बार 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को मतदान केन्द्र जाना नहीं पड़ेगा। मध्यप्रदेश में पहली बार बुजुर्गों के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा मिलेगी। वे घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। यह सुविधा विकल्प के रूप में रहेगी।

बुजुर्ग चाहें तो बूथ पर जाकर भी मतदान कर सकेंगे। कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पंजाब सहित अन्य राज्यों की तर्ज पर यह नई व्यवस्था की गई है। उज्जैन जिला मुख्यालय पर मंगलवार को कोठी रोड स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर में 227 सेक्टर अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी कि वे किस तरह घर बैठे बुजुर्गों को वोटिंग कराएंगे।

राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ. संदीप नाडकर्णी और विजय सुखवानी यह ट्रेनिंग देंगे। नोडल अधिकारी महाकाल मंदिर प्रशासक और यूडीए सीईओ संदीप सोनी और समन्वयक कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार भी उपस्थित रहेंगे।

ताकि, बुजुर्ग वोटिंग से वंचित न रहें…

दरअसल अक्सर यह होता है कि 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग बीमारी या फिर किसी अन्य वजह से मतदान स्थल पर नहीं पहुंच जाते। इससे मतदान प्रतिशत घटता है। बुजुर्ग भी निराश हो जाते हैं। इन सबको देखते हुए निर्वाचन आयोग पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दे रहा है।

केंद्रों का भौतिक सत्यापन: इधर नागर निगम प्रशासन भी शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करा रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि कहीं केंद्रों में बदलाव तो नहीं आया। जिन केंद्रों को बदलना है, उनके और प्रस्ताव अभी भेजे जा सकते हैं।

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