मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा 2001 बैच के अधिकारी श्री सुरेंद्र कुमार कथूरिया को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के द्वारा कथूरिया को धारा 7 धारा 13(1)बी सहपठित धारा 13(2) के तहत अपराधी घोषित करते हुए दंडित किया गया था। सुरेंद्र कुमार को 5 साल जेल और ₹100000 का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। उल्लेख करना अनिवार्य है कि श्री सुरेंद्र कुमार कथुरिया को उज्जैन सिंहस्थ 2016 में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप गई थी। उज्जैन सिंहस्थ 2016 की समाप्ति पर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सुरेंद्र कुमार को सम्मानित करते हुए उनकी खूब प्रशंसा की गई थी।
सतना नगर निगम में रिश्वतखोरी की घटना का विवरण, पूरी कहानी
मामला सन 2017 का है। श्री सुरेंद्र कुमार कथूरिया, सतना नगर निगम के कमिश्नर थे। सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर राजकुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी डॉक्टर सुचित्रा अग्रवाल ने नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन लिए बिना तीसरी मंजिल का निर्माण कर लिया था। नगर निगम कमिश्नर ने रिश्वत में डाक्टर दंपति से 40 लख रुपए नगद, 10 लख रुपए मूल्य के सोने के आभूषण और एक सोने का मेंढक की मांग की। नहीं देने पर सतना नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल तोड़ने की धमकी दी। एसपी लोकायुक्त रीवा को शिकायत करते हुए डॉक्टर दंपति ने बताया कि उनके पास इतना पैसा नहीं है। वह रिश्वत नहीं दे सकते। उनकी शिकायत का सत्यापन करने के बाद दिनांक 26 जून 2017 को। श्री सुरेंद्र कुमार कथूरिया को उनके सरकारी आवास पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। छापामार करवाई DSP देवेश पाठक की टीम ने की थी।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बर्खास्त करने की कार्रवाई
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से जारी बर्खास्तगी आदेश में कहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद सुरेंद्र कुमार कथूरिया को 10 अगस्त 2023 को सेवा से पृथक करने का फैसला किया है। इसके लिए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से अभिमत मांगा था। आयोग ने 17 अक्टूबर 23 को सामान्य प्रशासन विभाग के फैसले पर सहमति दे दी थी। इसके बाद अब 12 दिसंबर 2023 को जारी आदेश में कथूरिया को मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 (नौ) के अंतर्गत सेवा से पदच्युत (पृथक) करने का आदेश जारी कर दिया है।