मिशन 2024 के लिए भाजपा ने कसी कमर

भोपाल।  18वीं लोकसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है। भाजपा ने इस बार चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए पार्टी ने 60 फीसदी वोट का लक्ष्य बनाया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा ने स्वसहायता समूहों को अपना वोट बैंक बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि स्वसहायता समूहों को अगर स्थायी वोट बैंक बना लिया तो भाजपा आत्मनिर्भर बन जाएगी। यानी एक बड़ा वोट बैंक भाजपा के पास आ जाएगा।
गौरतलब है कि मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा मिशन 2024 के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। इसको देखते हुए पार्टी अबकी बार 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा ने हर वर्ग और हर वोट बैंक को साधने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा लोकसभा चुनाव में सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों के अलावा स्वसहायता समूहों को भी जोड़ेगी और उन्हें वोट बैंक में तब्दील करेगी। इसके अलावा वह व्यक्तिगत संपर्क को और तेज कर लोकसभा चुनाव में साठ फीसदी वोट बैंक हासिल करेगी। नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कलस्टर प्रभारियों की बैठक में पार्टी नेताओं ने देशभर के कलस्टर प्रभारियों की बैठक में इसका खाका तैयार किया है।
शाह-नड्डा ने दिया मंत्र
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने देश की 543 लोकसभा सीटों को 146 कलस्टरों में बांटा है। हर कलस्टर में तीन से पांच लोकसभा क्षेत्रों को रखा गया है। वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को इसका प्रभार सौंपा गया है। इन कलस्टर प्रभारियों की बैठक दिल्ली में आयोजित की गई। करीब पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक को गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने संबोधित किया। इससे पहले बैठक में आयोजित सत्रों में कलस्टर प्रभारियों को बूथ मजबूत करने और संपर्क अभियान कैसे तेज करें, इसे लेकर टिप्स दिए गए।
हर लोकसभा क्षेत्र में नियुक्त होगा प्रभारी
बैठक में बताया गया कि भाजपा अपने जिला कार्यालयों के अलावा हर लोकसभा जिसकी कमान केंद्र के हाथ में रहेगी। इसके अलावा हर लोकसभा क्षेत्र में एक प्रभारी की भी पार्टी नियुक्ति करेगी। लोकसभा क्षेत्र में भी एक कार्यालय खोला जाएगा। इसके लिए भी वरिष्ठ नेता को जवाबदारी सौंपी जाएगी। बैठक में कहा गया कि सबसे ज्यादा ध्यान केंद्र और राज्य सरकार की योजनओं के हितग्राहियों पर देना है। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने इन पर फोकस किया था। अब इस प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। इसके अलावा कलस्टर प्रभारियों से कहा गया कि वे ज्यादा से ज्यादा अपने लोकसभा क्षेत्रों में प्रवास करे और मतदाताओं से पार्टी कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा व्यक्तिगत संपर्क करें इस पर ध्यान दें। बैठक में यह भी तय किया गया कि स्वसहायता समूहों से संपर्क कर उन्हें पार्टी की विचारधारा से जोड़ें। इसके अलावा बूथ को कैसे मजबूत किया जाए इस पर जमीनी स्तर पर गंभीरता से काम हो।
मप्र में नए लोगों को भी मिलेगी जिम्मेदारी
मध्यप्रदेश को लेकर माना जा रहा है कि यहां पूर्व के कलस्टर प्रभारियों के अलावा कुछ नए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी उन लोकसभा सीट पर ज्यादा ध्यान दे रही है, जहां हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा है अथवा फिर वोट प्रतिशत कम रहा है। इसके अलावा जिन बूथों पर पार्टी को कम वोट मिले थे वहां कैसे वोट बढ़ाए जाएं इस पर भी विचार किया गया। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा तय की गई रणनीति से कलस्टर प्रभारियों को अवगत कराया। कलस्टर प्रभारियों को एक दर्जन से अधिक तरह के काम पार्टी नेताओं ने बताए हैं। इन नेताओं की एक महीने बाद फिर बैठक होगी। इसमें इनसे एक महीने में किए गए काम की रिपोर्ट ली जाएगी। संगठन के शीर्ष नेताओं ने कलस्टर प्रभारियों को यह भी नसीहत दी कि बैठक की बाते बाहर न जाएं। कलस्टर प्रभारियों के अलावा बैठक में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी। मध्यप्रदेश से बैठक में इंदौर संभाग के कलस्टर प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, उज्जैन के प्रभारी उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, रीवा-शहडोल संभाग के प्रभारी उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला, जबलपुर के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल, सागर के प्रभारी पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह, ग्वालियर-चंबल के प्रभारी पूर्व मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और भोपाल- नर्मदापुरम संभाग के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग मौजूद थे।
कमजोर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा जल्द
सूत्रों की मानें तो बैठक में अमित शाह और नड्डा ने बताया कि कमजोर सीटों के लिए पार्टी ने अलग से रणनीति तैयार की है और इस पर पिछले दो साल से अधिक समय से काम किया जा रहा है। नेताओं ने कहा कि विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा चुनावों में भी हारी हुई और कमजोर सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोषित करेगी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा ने हारी हुई सीटों पर करीब तीन महीने पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। इसका परिणाम भी उसे फायदा पहुंचाने वाला रहा था। मध्य प्रदेश में ‘मिशन 29’ की तैयारियों के मद्दे नजर 7 शहरों में लोकसभा वॉर रूम बनेगा। इस वॉर रूम से सोशल मीडिया, आईटी, मीडिया सेंटर सहित चुनावी रणनीति संचालित होगी। लोकसभा प्रत्याशियो को वॉर रूम प्रभारी को हर दिन की जानकारी देनी होगी। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन और इंदौर में वॉर रूम तैयार किया जाएगा। जहां से चुनावी रणनीति संचालित की जाएंगी। इस वॉर रूम में भाजपा मीडिया विभाग के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी तैनात होंगे। साथ ही दिल्ली से तय की गई रणनीति वॉर रूम के जरिए लोकसभा प्रत्याशियों तक पहुंचाई जाएगी। भाजपा राम मंदिर लोकार्पण के अगले दिन से लोकसभाओं में उतरेगी। बताया जा रहा है कि 27 जनवरी से लोकसभावार बैठकें शुरू हो सकती हैं। सभी 29 लोकसभा स्तर पर बैठकें होंगी। इसके बाद सातों क्लस्टर पर बैठकें की जाएगी। जिसमें 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने का टारगेट दिया जाएगा। प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा पूरा चुनाव संभालेंगे। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह के भी दौरे होंगे।

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