वैज्ञानिका का दावा- ‘जीवन का अमृत’ ढूंढ निकाला

वाशिंगटन । वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्‍होंने ‘जीवन का अमृत’ ढूंढ निकाला है। अब एक ही उपचार के बाद शरीर में इतनी ताकत आ जाएगी कि कोशिकाएं कभी नहीं मुरझाएंगी। शरीर पर अगर किसी बीमारी का हमला होगा तो तुरंत ठीक हो जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लेबोरेटरी न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने श्वेत रक्त कोशिका को पुन: प्रोग्राम करने का एक तरीका खोज लिया है। इन्‍हें टी-सेल नाम दिया गया है। आमतौर पर हमारे शरीर में मौजूद टी सेल्‍स इम्‍यूनिटी को बेहतर करती है, जिससे हमारा शरीर बीमारियों से लड़ता है। शरीर का वजन कम करने की बात हो या फिर पाचन दुरुस्‍त करने की, ये टी-सेल्‍स हमेशा काम आती हैं। इतना ही नहीं, ये उन सीनेसेंट कोशिकाओं पर भी हमला करती हैं, जो कई तरह की बीमारियों के लिए जिम्‍मेदार होती हैं। जिनसे हम बाद में पूरा जीवन जूझते रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वृद्ध कोशिकाएं हमारे शरीर में प्रतिकृति बनाना और निर्माण करना बंद कर देती हैं।
इसके बाद ही शरीर की दुर्गति शुरू होती है। सूजन होने लगता है और बीमारियां घेर लेती हैं। अब, वैज्ञानिकों ने इन टी-सेल्‍स को सीएआर (काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर) टी-सेल्‍स में संशोधित किया है, जो इन वृद्ध कोशिकाओं पर हमला करती हैं और उन्‍हें दुरुस्‍त करती हैं। पहला प्रयोग चूहों पर किया गया और नतीजे चौंकाने वाले है। एक अध्ययन के अनुसार , चूहों ने स्वस्थ जीवन जीया।
उनके शरीर का वजन कम हो गया। पाचन क्रिया बेहतर हो गई। यहां तक कि शुगर को भी शरीर अच्‍छे से नियंत्रित करने लगी। नतीजा, उनका शरीर यंग चूहों की तरह काम करने लगा। शोध टीम की सदस्‍य और सहायक प्रोफेसर कोरिना अमोर वेगास ने कहा, अगर हम इसे वृद्ध चूहों को देते हैं, तो वे फिर से यंग नजर आने लगते हैं। अगर हम यंग चूहों को देते हैं, तो उनकी उम्र कम हो जाती है। अभी तक ऐसी कोई थेरेपी नहीं थी। यह हैरान करने वाला इलाज होने वाला है और निश्च‍ित तौर पर सिर्फ एक ट्रीटमेंट से इंसान की उम्र काफी हद तक कम नजर आने वाली है।
खास बात, रोज दवा लेने की आवश्यकता नहीं होगी, क्‍योंकि टी-सेल्‍स की उम्र काफी लंबी होती है। यह शरीर से ही अपना भोजन लेती हैं। मोटापा और शुगर के मरीजों के लिए यह रामबाण हो सकता है। टी कोशिकाओं में याददाश्त विकसित करने और आपके शरीर में लंबे समय तक बने रहने की क्षमता होती है, जो एक रासायनिक दवा से बहुत अलग है। बता दें कि उम्र बढ़ना प्रकृति का एक नियम है। और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे चेहरे पर झुर्रियां आनी शुरू हो जाती हैं। बीमारियां हमला करने लगती हैं। कोशिकाएं मुरझाने लगती हैं।

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