कराची । पाकिस्तान में गुरुवार को आम चुनाव हैं। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गैरकानूनी तरीके से शादी पर 7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इमरान और उनकी पत्नी बुशरा के खिलाफ इद्दत मैरिज केस में फैसला सुनाकर कहा कि ये शादी गैर-इस्लामिक है। बात दें कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान को चुनाव से पहले एक के बाद एक तीन मामलों में सजा हो गई। ताजा केस अवैध शादी का है। मामले को खुद बुशरा के पूर्व पति खावर फरीद मानेका कोर्ट तक लेकर गए थे। उनका कहना था कि इमरान से रिश्ते के समय बुशरा का इद्दत का समय चल रहा था। दोनों ने इसी पीरियड में निकाह किया, जो पाकिस्तान पीनल कोड की धारा 496 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या है इद्दत
बात दें कि यह इंतजार की अवधि है। इसका पालन किसी महिला को तब करना होता है, जब उसके शौहर की मौत हो जाए। इस दौरान महिला एक निश्चित वक्त तक शादी नहीं कर सकती है। ये समय करीब 4 महीने लंबा होता है। तलाक के बाद भी ये वेटिंग पीरियड मानना जरूरी है। इस अवधि को कुरू कहते हैं, हालांकि बोलचाल में इद्दत ही कहा जाता है। दरअसल इद्दत का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि इस दौरान महिला गर्भवती नहीं। अगर इद्दत का समय पूरा किए बगैर महिला शादी कर ले और इसके बाद प्रेग्नेंसी सामने आए तब ये हो सकता है कि बच्चे की वैधता पर शक हो। इसी शक को दूर करने के लिए इद्दत की अवधि लंबी रखी गई ताकि प्रेग्नेंसी (अगर हो तो) पता लग जाए। इसमें ये भी है कि गर्भवती होने पर महिला बच्चे के जन्म तक नई शादी नहीं कर सकती।