चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में पीडिता के साथ खोटा काम करने वाले अभियुक्त को सुसनेर न्यायालय ने कुल 20 साल सश्रम कारावास व 25,200 रू जुर्मानें से दण्डित किया।

पीडिता के साथ खोटा काम करने वाले अभियुक्त को सुसनेर न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायालय (श्रीमान पकज कुमार वर्मा) सुसनेर ने कुल 20 साल सश्रम कारावास व 25,200 रू जुर्मानें से दण्डित किया।

मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ पवन सौलंकी, सुसनेर ने बताया कि फरियादिया ने अपने पिता के साथ आकर थाना नलखेडा पर रिपोर्ट किया कि मेरे पिताजी का अभियुक्त की पत्नी से करीबन 10 साल से राखी तागा का रिश्ता है अभियुक्त की पत्नी मेरे पिताजी की सगी बहन और रिश्तेदार नही है अभियुक्त की पत्नी अभियुक्त के साथ मेरे घर आया जाया करती है जिसकारण अभियुक्त मुझसे फोन पर बातचीत करता रहता था दिनांक 8/8/22 को शाम करीबन 4 बजें मैं बाजार जाने के लिए घर से निकली थी रास्ते में जानवर के अस्पताल के पास गली में मुझे अभियुक्त मिला जो सुनसान गली देखकर अभियुक्त ने मेरा उल्टा हाथ बुरी नियत से पकडा और बुरी नियत से मेरे साथ छेडछाड करने लगा मैं चिल्लाचोट करने लगी तो अभियुक्त ने मेरा हाथ छोड दिया और जाने लगा और जाते जाते मुझसे बोला कि अगर तुने यह बात किसी को भी बताई तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा फिर मैं घर आ गई अभियुक्त के डर के कारण और लोक लज्जा के कारण मैनें अपने साथ हुई छेडछाड की बात किसी को नही बताई लेकिन मैनें आज हिम्मत करके अपने साथ हुई छेडछाड एवं अभियुक्त द्वारा 2019 से लगातार बलात्कार करने की बात मेरे पिताजी व बुआ एवं न्यायालय में 164 सीआरपीसी के कथनों में बताई उक्त प्रकरण में अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में धारा 354, 506, 376, 376(3), 376(2)(एन), 376(2)(च), 376(2)(जे), 201 एवं पोक्सों अधिनियम की धारा 3/4, 5एल/6, 5एन, 7/8 में पेश किया
यह कि प्रकरण में विवेचना उनि सुनीता परिहार , निरी संतोष पाठक के द्वारा की गई।
प्रकरण को राज्य शासन द्वारा जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की सूची में शामिल किया गया ।

जहाँ से माननीय न्यायालय ने एडीपीओं श्री पवन सौलंकी के तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त केा माननीय न्यायालय ने निम्नानुसार दण्ड से दण्डित किया ।
क््रमांक धारा दण्ड
1 506 भादवि 01 साल का कारावास एवं 200 रू का अर्थदण्ड ,
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 15 दिवस का सश्रम कारावास
2 5 एल/6 पोक्सों एक्ट 20 साल का कारावास व 25000 रू अर्थदण्ड
अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 03 माह का कारावास
उक्त सभी सजायें एक साथ भुगतायी जायें।

प्रकरण में महत्वपूर्ण सहयोग कोर्ट मोर्हरिर आरक्षक 230 श्री आशीष सोनी, सहायक ग्रेड 03 कृष्णकांत अग्रवाल के द्वारा किया गया।

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