2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। बड़ी संख्या में यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएगी।

उज्जैन। 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। बड़ी संख्या में यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएगी। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों ने इंदौर में बैठक भी की है। सिंहस्थ 2028 के पहले इंदौर-उज्जैन मेट्रो वंदे भारत ट्रेन शुरू करने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं ताकि सिंहस्थ के दौरान लाखों यात्रियों को ट्रेन की सुविधा मिल सके। यह ट्रेन वर्तमान में मौजूदा पटरियों पर ही दौड़ेगी। इसके डिब्बे विशेष रूप से डिजाइन किए जा रहे हैं। इनमें मेट्रो जैसी सभी सुविधाएँ मौजूद रहेंगी। पहली ट्रेन काशी में शुरू होगी और इसके बाद यह सुविधा इंदौर से उज्जैन को मिलेगी। इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक कर रेल सुविधाओं की समीक्षा की उन्होंने जल्द सुविधा प्रारंभ हो सके इसके निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। रेलवे सिविल कार्यालय में हुई इस बैठक में लालवानी ने कहा कि यदि सिंहस्थ में उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर मार्ग पर रेलवे सुविधा बेहतर होती है, तो सड़क मार्ग पर भी यातायात बाधित होने की आशंका नहीं होगी। सिंहस्थ से पहले उज्जैन से जुडऩे वाली सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जाना हैं। इसमें 46 किमी लंबी इंदौर-उज्जैन फोरलेन भी शामिल हैं। यह सड़क सिक्स लेन बनेगी। सड़क बनाने के लिए निर्माण एजेंसी तय हो चुकी है। उदयपुर की एजेंसी और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के बीच अगले महीने अनुबंध किया जाएगा। यह ठेका एजेंसी को 1619 करोड़ रुपये में मिला है। खास बात यह है कि 46 किमी की सड़क को दो से तीन हिस्सों में बनाया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इंदौर-उज्जैन आने-जाने वालों को परेशानी न हो। इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन को लेकर डिजाइन अगले कुछ महीनों में तैयार होगी। वैसे मार्ग पर आधा दर्जन अंडरपास और तीन फ्लाईओवरों का निर्माण होगा। यह सिक्स लेन अगले दो-तीन साल में पूरा करना है, ताकि सिंहस्थ से पहले मार्ग पर आवागमन शुरू हो सके। इंदौर के भौंरासला से लेकर उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक सड़क बनाई जाएगी। अप्रैल में टेंडर निकाले गए थे, जिसमें उदयपुर की एजेंसी को 1619 करोड़ में ठेका मिला है। अगस्त में अनुबंध होने के बाद डिजाइन पर काम किया जाएगा, वहीं एजेंसी को सिक्स लेन के लिए सड़क का सर्वे करना होगा। जहाँ ब्रिज-अंडरपास और फ्लाईओवर का स्थान चिह्नित करना है। डिजाइन को हरी झंडी मिलते ही वर्क आर्डर जारी होगा।

 

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