ब्लू व्हेल जैसा गेम खेलकर पुणे में एक 15 वर्षीय बच्चे ने आत्महत्या कर ली

पुणे । ब्लू व्हेल जैसा गेम खेलकर  पुणे में एक 15 वर्षीय  बच्चे ने आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक नाबालिग ने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।  ब्लू व्हेल पहले से ही भारत में बैन है।
मृतक की मां स्वाति श्रीराव ने कहा, आर्य एक ऐसा लड़का था जो बात करने में झिझकता था और कम ऊंचाई से भी उसे बहुत डर लगता था लेकिन फिर भी उसने 14वीं मंजिल से छलांग लगा ली। उन्होंने बताया कि पिछले 3-4 महीने से आर्य का व्यवहार बदल गया था। वह आक्रामक हो गया था और बिना किसी कारण वह मुझे और अपने भाई को नुकसान पहुंचाता था। वह घंटों तक अपने कमरे में लैपटॉप पर बैठा रहता था और मुझे लगता था कि वह पढ़ाई कर रहा है। घटना के दिन मैं छोटे बेटे का ध्यान रख रही थी क्योंकि वह बीमार था और उसे बुखार था। मुझे देर रात हमारी सोसाइटी के व्हॉट्सएप ग्रुप से पता चला कि एक लड़का गिर गया है। जब मैंने देखा तो पता चला कि मेरा बेटा आर्य ही गिरा है। इसके बाद मैं अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पाई। मेरा बेटा कुछ समय से मौत के गाने सुनने लगा था। वह कहता था, चिंता करने की कोई बात नहीं है, जीवन और मृत्यु सब एक जैसे हैं।
बता दें कि गेम की लत की बात उस वक्त सामने आई जब मृतक की नोटबुक की जांच की गई, जिसमें वह अपने घर के नक्शे और खिलाड़ियों की सूची रखता था। पिंपरी-चिंचवड़ की रावेट पुलिस स्टेशन में इस घटना की सूचना मिलते ही, कमरे की जांच की गई, जहां उसका लैपटॉप, एक सुसाइड नोट और मोबाइल फोन जब्त किया गया। कमरे से जो कागज बरामद किया गया उसपर पेंसिंल से उसके अपार्टमेंट और गैलरी से कूदने वाला टास्क बना हुआ है। नक्शे में ये भी बताया गया था कि कहां से कूदना है।
इसी पेपर में लॉगआउट शब्द भी लिखा है। यही नहीं, गेम से जुड़ी कुछ बातें कोडिंग भाषा में भी लिखी हुई हैं और उसके कागज भी आर्य के कमरे से बरामद किए गए हैं। जो कागज मिले हैं उसमें एक मल्टीप्लेयर कॉम्बैट गेम का जिक्र भी किया गया है। मृतक लड़के के लैपटॉप का पासवर्ड अभी तक उसके माता-पिता और पुलिस को नहीं पता है इसलिए पुलिस के सामने गेम की पूरी जानकारी हासिल करने की बड़ी चुनौती है। जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है।
आर्य के पिता ने बताया कि उनका बेटा कुछ महीनों से अपनी कई बातें छिपा रहा था। यहां तक कि वह अपने लैपटॉप की सर्च हिस्ट्री भी डिलीट करता रहता था। आर्य के कमरे में मिले नोट में दस नामों का जिक्र किया गया है। मृतक के पिता ने इन नामों को लेकर भी सचेत किया है।

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