नगर सतवास में विराजित हुए श्री राम जानकी।


सनातन तभी संरक्षित होता है जब आप, हम सभी नित्य श्रीराघवेन्द्र सरकार के दर्शन करें-स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज

 

भविष्य दर्पण घनश्याम भदोरिया

 

सतवास। भगवान श्रीराम के जय घोष से आप हम सब सनातन को संरक्षित तो करना चाहते है, इसके लिए हम सभी के मन मे भगवान श्रीराम के नित्य दर्शन करने का भाव होना आवश्यक है। सामान्य जयघोष से सनातन का उत्थान नहीं होगा। इसके लिए हमे प्रतिदिन मंदिर मे आना होगा साथ मे अपने बालको को भी लाना होगा। ठाकुरजी के नित्य दर्शन कर उनके भव्य स्वरूप का गुण-गान कर आशीष प्राप्त करना होगा।

श्रीमद् जगदगुरू नागोरिया पीठाधिश्वर स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज ने अति प्राचीन श्रीराम मंदिर सतवास के जीर्णोद्धार व भव्य प्राण पतिष्ठा महोत्स्व के दौरान आशीष वचन मे कही। पुज्यश्री ने कहा कि श्रीराघवेन्द्र महाप्रभु की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मे कालूराम राठौर परिवार का भगवान श्रीराम से विग्रह का संबद्ध उभरा है। जो महाप्रभु के विग्रह की स्थापना कराता है , उसका यजमान बनता है वो भगवान के माता पिता की भांति दायित्व निभाने वाला होता है। इस भव्य मंदिर निर्माण के अनेक परिवार को सेवा कार्य का सोभाग्य मिला। पूज्यश्री ने प्रतिष्ठा महोत्सव का महत्व बताते हुए समझाया कि प्रतिष्ठा महोत्सव मे केंकर्य करने वालो की कई पीढ़िया तर जाती है। अर्थात उनका यह संबद्ध आज तक का नहीं है वरन जन्म-जन्मांतर का है। मंदिर के मुख्य अर्चक पंडित अशोक जोशी को आशीष देते हुए कहा कि जोशी परिवार परम्परागत सेवा भाव से जुडा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के आचार्य पंडित ब्रजेश व्यास इंदौर ने तीन दिवसीय उत्सव आयोजन मे पूजन कराया। स्वामीजी की अगवानी सभी भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ की। मंगल हो मंगल हो श्रीस्वामीजी का मंगल हो का उद्घोष किया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने दंडवत प्रणाम कर आशीष प्राप्त किया। आपके साथ कांटाफोड, लोहारदा व कनौद के वेष्णव भक्तजन भी

थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles