श्रीमती अनुराधा बैरागी कार्यकाल पूर्ण होने पर कार्य मुक्ति पत्र प्रदान कर दि विदाई।
घनश्याम भदौरिया भविष्य दर्पण
ग्राम मुख्यालय पर रहकर शिक्षक का स्नेह – संबद्ध, पालक से परिवार की भांति हो जाता है जिससे शिक्षक का कर्तव्य सहज ही अनुकुल हो जाता है – प्रभारी प्राचार्य मानधन्या
सतवास। ग्राम मुख्यालय पर रहकर शिक्षक का स्नेह – संबद्ध पालक से परिवार की भांति हो जाता है। इससे शिक्षक को अपना कर्तव्य सहज ही अनुकुल लगने लगता है। जिससे शाला मे बच्चों की उपस्थिति प्रभावी रहती है।
प्रभारी संकुल प्राचार्य सुभाषचन्द्र मानधन्या ने शिक्षिका श्रीमती अनुराधा बैरागी की अर्द्धवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर उनके बिदाई समारोह मे यह बात कही। संकुल कार्यालय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतवास के स्टाफ ने एक सादे समारोह मे श्रीमती बैरागी का पुष्पहार से सम्मान किया। प्रभारी प्राचार्य श्री मानधन्या ने कहा कि श्रीमती बैरागी ने अपने सेवाकाल के सतत 24 वर्ष ग्राम कीटखेडी मे ही निवास कर प्रा. वि. कीटखेडी के बच्चों को अध्यापान कार्य कराया। छोटी बस्ती होने से हर पालक से उनका नियमित संपर्क रहा। 31 मई को श्रीमती बैरागी की अर्द्धवार्षिकी पूर्ण होने पर शासकीय नियमानुसार प्रभारी संकुल प्राचार्य मानधन्या ने दोपहर पश्चात उन्हे सम्मान के साथ कार्यमुक्ति पत्र भेट कर उनके मंगलमय जीवन की मंगल कामना की। इस अवसर पर शिक्षिका श्रीमती अनुराधा बैरागी ने सभी शिक्षको द्वारा उन्हे दिए सहयोग पर आभार माना। कार्यक्रम मे कार्यालय सहायक विनोद मालवीय, गजानंद यादव, आनंद शर्मा, मनोज राठौर, सुनील राठौर ने श्रीमती बैरागी के कार्यकाल की सराहना करते हुए बधाई दी। समारोह मे श्रीमती बैरागी के परिजन भी उपस्थित थे।
प्रभारी संकुल प्राचार्य मानधन्या श्रीमती बैरागी को कार्यमुक्ति पत्रक भेट करते हुए।


