अंधकार में प्रकाश का जन्म है श्री कृष्ण जन्मोत्सव।

*अंधकार में प्रकाश का जन्म है श्री कृष्ण जन्मोत्सव

 

हाटपीपल्या /भविष्य  दर्पण/ नीरज सोलंकी

 

ग्राम चासिया में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। दीदी श्री चेतना भारती जी ने अजामिल कथा सुनाते हुए कहा कि जैसे बड़े कचरे के ढेर को अग्नि कि एक चिंगारी जलाकर खाक कर देती है ठीक उसी प्रकार सत्संग का एक क्षण जन्म जन्मांतर के पापो को नष्ट कर सकता है। जैसे बीज को उल्टा या सीधा कैसे भी मिट्टी में डालने पर भी पोधे का सृजन हो जाता है उसी प्रकार किसी भी भाव से ईश्वर का स्मरण करो, ईश्वर अवश्य कृपा करते है। समस्त भक्त गण दीदी श्री की मधुर वाणी में कथा श्रवण कर रहे है ।कृष्ण जन्मोत्सव आनंद उल्लास के साथ मनाया गया। श्री कृष्ण का जन्म अंधेरी रात में हुआ जो प्रतीक है की गहन अंधकार रूपी जीवन में भी ज्ञान रूपी प्रकाश जन्म ले सकता है। भादव माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की अर्धरात्रि वो समय था जब भारत की भूमि धन्य हो गई श्री कृष्ण जैसे पूर्णावतार को प्राप्त करके। आलकी की पालकी जय कन्हैया लाल की भजन से कथा पांडाल गुंजायमान हुआ। 8 जून को रामदेव बाबा प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

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