उज्जैन। कांग्रेस के लिए संविधान से ज्यादा परिवार और सत्ता महत्वपूर्ण है। 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा व्यक्तिगत सत्ता को बनाए रखने और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए की गई थी, जिसने उनके चुनाव को अवैध ठहराया था। उन्होंने संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन और व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा। वर्तमान मोदी सरकार ने इस दिन को सविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित करने का बड़ा कार्य किया है जिससे कि वर्तमान पीढ़ी व आने वाली पीढी कांग्रेस का चाल चरित्र चेहरा जान सके इसी के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वर्तमान पीढी की आस्था बढ़े। यह बात नागदा के स्नेहकुंज गार्डन में भाजपा उज्जैन जिला ग्रामीण द्वारा आयोजित आपातकाल पर संगोष्ठी में मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ नेता व राजगढ़ से सांसद श्री रोड़मल नागर ने कही।
लोकतंत्र सेनानी श्री गणेश अग्रवाल इंदौर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज से 50 वर्ष पहले, 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोप दिया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था। आपातकाल लगाने का उद्देश्य नेहरू-गांधी परिवार का सत्ता पर वर्चस्व बनाए रखने की लालसा में संविधान को रौंदने का कुत्सित प्रयास था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक “काला अध्याय” है। भाजपा हर साल 25 जून को आपातकाल की बरसी पर “संविधान हत्या दिवस” या “काला दिवस” के रूप में मनाती है। आपातकाल के समय लोकतंत्र सेनानियों ने कांग्रेस की सत्ता के सामने न झुकते कड़ा संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप इमरजेंसी हटाई गई और लोकतंत्र की पुनः स्थापना भारत में हुई। ऐसे समस्त लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवार जनों को साधुवाद है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक डॉ तेजबहादुर सिंह चौहान ने कहा कि इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रद्य किए गए चुनाव से बचने के लिए बिना केबिनेट की अनुशंसा के मध्य रात्रि में संपूर्ण भारत में आपात काल लगा दिया था। जिसके कारण पूरा देश कारागार बन गया था। विभिन्न विचारधाराओं के नेता अटल, जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नाडीज जैसे अनेकों दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद कर दिया मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लोगों की स्वतंत्रता पर इमरजेंसी के नाम पर कुठाराघात किया गया। जिला मीडिया प्रभारी गजेंद्र परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर लगभग 40 की संख्या में उपस्थित मीसाबंदीयो को शाॅल व माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर आपातकाल को लेकर प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह चौहान,पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत,सुल्तानसिंह शेखावत, पूर्व जिलाध्यक्ष अनोखीलाल भंडारी,जिलामंत्री धर्मेश जयसवाल, नाहरसिंह पंवार तथा अशोक कटारिया,मंगेश वर्मा,विजय चौधरी ,सुमेरसिंह चौहान मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन जिलामंत्री राकेश यादव व आभार कार्यक्रम के संयोजक किशोर मेहता द्वारा किया गया।