महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए अब मंदिर प्रबंध समिति सोला और साड़ी उपलब्ध कराएगी। श्रद्धालु को केवल उन कपड़ों की धुलाई का शुल्क देना होगा। यह नई व्यवस्था शनिवार से लागू कर दी गई है। इससे श्रद्धालु को दुकानों से किराए पर कपड़े लेने की जरूरत नहीं रहेगी। वे कोरोना संक्रमण से भी बच सकेंगे। मंदिर के गर्भगृह में पुरुष को सोला (धोती) और महिला को साड़ी-ब्लाउज पहनकर प्रवेश तब दिया जाता है, जब गर्भगृह में सामान्य दर्शनार्थी प्रवेश बंद हो।
सामान्य प्रवेश चालू रहने की स्थिति में सोला और साड़ी पहनने की जरूरत नहीं रहती। सामान्य प्रवेश बंद होने पर गर्भगृह में दर्शन के दो श्रद्धालु 1500 रुपए दान रसीद से गर्भगृह में जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सोला और साड़ी पहनना अनिवार्य है। इस स्थिति में श्रद्धालु मंदिर के बाहर दुकानदारों के यहां से कपड़े किराए पर लेते हैं, जिसके लिए उन्हें 200 से 500 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते मंदिर समिति ने उन श्रद्धालुओं को धुले हुए कपड़े नि:शुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। श्रद्धालु से केवल धुलाई का खर्च लिया जाएगा। चार नंबर गेट पर श्रद्धालुओं को यह कपड़े उपलब्ध रहेंगे। प्रशासक के अनुसार कपड़ों का एक श्रद्धालु द्वारा उपयोग कर लेने पर उसे धुलने के लिए भेज दिया जाएगा। यानी एक कपड़े को बिना धुले दूसरा उपयोग नहीं करेगा। इससे श्रद्धालु दुकानदारों की ठगी के शिकार भी नहीं होंगे।
चारधाम हरसिद्धि मार्ग से सामान्य कतार
मंदिर समिति ने नए साल के परिप्रेक्ष्य में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते सामान्य कतार चारधाम मंदिर की तरफ बेरिकेडिंग कर कर दी है। इससे श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलेगी। मास्क अनिवार्य किया है।
श्रद्धालुओं को नि:शुल्क प्रसाद, तिलक और मौली
मंदिर समिति मंगलवार से श्रद्धालुओं को नि:शुल्क प्रसाद, तिलक लगाने और मौली बांधने की व्यवस्था भी करने जा रही है। श्रद्धालु मंदिर के काउंटर पर प्रसाद लेकर तिलक लगवा सकेंगे तथा मौली बंधवा सकेंगे। इसके लिए तैयारी की जा रही है। मंगलवार से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।