असली-नकली जेवर पर थाने में विवाद:- रीता ने मां को असली देकर हूबहू नकली जेवर बनवाए, पति को शक हुआ तो फांसी का ड्रामा किया, उज्जैन के थाने में सुलझा मामला

मंगलवार की शाम को उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाने में पति-पत्नी और दोनों के ससुराल पक्ष के बीच जमकर विवाद हुआ। यह विवाद असली के बदले नकली जेवर देने को लेकर था। इसमें मुख्य भूमिका में रीता पांचाल थी। रीता ने अपनी मां निर्मला और प्रिया को पहनने के लिए अपने जेवर दिये थे।

इनमें असली सोने के दो हार और चार चूड़ियां थीं। इनकी कीमत करीब 4.5 लाख रुपए थी। वापस करने के बजाय रीता ने मां व बहन से कहा इनके जैसे हूबहू नकली बनाकर मेरे ससुराल में दे देना। रीता की मां व बहन ने ऐसा ही किया। जब वापस किये गए जेवर पर रीता के पति सुशील पांचाल को शक हुआ तो उसने सुनार से जेवर की जांच कराई।

जांच में पता चला वे नकली हैं। जब सुशील ने पत्नी रीता से इस बारे में पूछताछ की तो वह बिफर गई। बाद में कभी मां निर्मला तो कभी बहन प्रिया पर आरोप लगाए। इसके बाद रीता ने 6 दिसंबर को फांसी लगाने का ड्रामा भी किया। लेकिन उसे बचा लिया गया।

सुशील ने बताया कि इतना होने के बाद भी जब रीता की मां व बहन ने जेवर नहीं दिये तो वे पत्नी के साथ चिमनगंज मंडी थाने पहुंचे। यहां विवाद हुआ तो पुलिस के सामने पूरी हकीकत खुलकर सामने आ गई।

ऐसे खुला राज –

चिमनगंज मंडी टीआई जितेंद्र भास्कर ने बताया कि रीता ने मां निर्मला व बहन प्रिया की शिकायत की। कहा दोनों उसके असली जेवर नहीं दे रही हैं। तब टीआई ने कहा कि दोनों पर केस दर्ज कर लेता हूं। तो रीता बगलें झांकने लगी। टीआई भास्कर को शक हुआ तो उन्होंने रीता की मां निर्मला और बहन प्रिया को थाने बुला लिया।

टीआई के सामने दोनों ने स्वीकार कर लिया कि उन्हें रीता ने ही जेवर दिये थे। और असली जैसे हूबहू नकली जेवर बनाने का कहा था। तब उन्होंने कहा कि वे तीन माह में जेवर लौटा देंगे।

टीआई भास्कर ने कहा कि मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। इस वजह से शिकायती आवेदन ले लिया है।

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