अदाणी टोटल गैस ने ग्रीनमॉस्फियर लॉन्च किया सामुदायिक सहयोग के जरिये कम-कार्बन वाला समाज बनाने का लक्ष्य निर्धारित

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अदाणी टोटल गैस ने ग्रीनमॉस्फियर लॉन्च किया
सामुदायिक सहयोग के जरिये कम-कार्बन वाला समाज बनाने का लक्ष्य निर्धारित

सार-संक्षेप
• ग्रीनमॉस्फियर का लक्ष्य हरित प्रौद्योगिकी, वनरोपण और एनर्जी ऑडिट है
• वनरोपण के लिए अकीरा मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे
• इस प्रकार बनाए गए वन 30 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करेंगे
• सभी शैक्षणिक संस्थानों में मिलेनियल्स (21वीं सदी की शुरुआत में युवा होने वाले लोगों) के लिए जागरूकता अभियान
• स्मृतिवन, अहमदाबाद में ग्रीन पार्क और सूचना केंद्र विकसित करेंगे

अहमदाबाद, 30 दिसम्बर 2021:भारत की सबसे बड़ी निजी सीजीडी कंपनी, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने, जो अदाणी ग्रुप तथा टोटल एनर्जीज के बीच का एक संयुक्त उद्यम है, एक नई हरित पहल शुरू की है जिसका लक्ष्य वनरोपण, मिलेनियल्स (21वीं सदी की शुरुआत में युवा होने वाले लोगों) तक पहुंच और एनर्जी ऑडिट है।

एटीजीएल की यह ग्रीनमोस्फीयर पहल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाएगी, युवाओं में जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाएगी और एनर्जीऑडिट के माध्यम से सस्टेनेबल ऊर्जा प्रथाओं को प्रोत्साहन देगी।

ग्रीनमॉस्फियर के लॉन्च के अवसर पर, श्री प्रणव अदाणी, एमडी – एग्रो एंड ऑयल एंड गैस, अदाणी ग्रुप ने कहा कि “अगर हमें जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करना है, तो हमें सरकारों, निगमों और व्यापक समाज सहित सभी हितधारकों के साथ मजबूत साझेदारी करने की जरूरत है। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट कंपनी के रूप में, अदाणी ग्रुप हर जगह समुदायों की खुशहाली की परवाह करता है। यही कारण है कि हम इनोवेटिव, टिकाऊ (सस्टेनेबल), दीर्घकालिक समाधानों के जरिये समाज को कुछ वापस देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

बड़े पैमाने पर सामुदायिक भागीदारी की परिकल्पना के साथ, वनरोपण कार्यक्रम का उद्देश्य ऑक्सीजन के ताजा स्रोत बढ़ाना है। परिणामस्वरूप, यह प्रयास ग्रीनहाउस गैसों की प्रचुर मात्रा को कम करेगा। एटीजीएल ग्रीनमॉस्फियर को एक कॉरपोरेट आंदोलन के रूप में देखता है जो वनों की कटाई को रोककर, वनरोपण को बढ़ावा देकर और आर्द्रभूमि संरक्षण का समर्थन करके सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में मदद करेगा।

इस पहल के तहत वनरोपण अकीरा मियावाकी तकनीक के माध्यम से किया जाएगा, जो प्रतिकूल मिट्टी में और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी काम करती है। दुनिया भर की केस स्टडी ने स्थापित किया है कि अकीरा मियावाकी तकनीक से उगाए गए जंगल तीस गुना घने होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे तीस गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं।

इस योजना का उद्देश्य आगे चलकर शहरी क्षेत्रों में सघन हरित क्षेत्र बनाना है, जिससे समुदाय को काफी लाभ होगा। एटीजीएल ने अहमदाबाद के रामोल स्थित अपने संयंत्र में पहले ही मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल किया है।

ग्रीनमॉस्फियर पहल का एक अन्य अभिन्न हिस्सा शैक्षणिक संस्थानों में मिलेनियल्स के लिए एक जागरूकता मंच का निर्माण करना है। हरित प्रौद्योगिकी, ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के महत्व को समझाते हुए, जागरूकता कार्यक्रम में वृक्षारोपण, कथावाचन सत्र, चित्रकला प्रतियोगिता, वनों की सैर और स्किट जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी।

ग्रीनमॉस्फियर का सबसे परिभाषित घटक एनर्जीऑडिट है, जिसके दायरे में औद्योगिक, कमर्शियलऔर आवासीय क्षेत्र शामिल हैं। ऑडिट की जाने वाली परिसंपत्तियों में एटीजीएल कार्यालय और सीएनजी स्टेशन शामिल हैं। यह ऊर्जा कुशल प्रथाओं और समाधानों के साथ प्रक्रियाओं को जोड़ते हुए ऊर्जा दक्षता बढ़ाएगा।

अदाणीटोटलगैसकेबारेमें
अदानीटोटलगैसलिमिटेडऔद्योगिक, कमर्शियल, घरेलू (आवासीय) ग्राहकोंकोपाइप्डनेचुरलगैस (पीएनजी) औरपरिवहनक्षेत्रकोकम्प्रेस्डनेचुरलगैस (सीएनजी) कीआपूर्तिकरनेकेलिएसिटीगैसडिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्कविकसितकरनेवालीभारतकीअग्रणीप्राइवेटकंपनियोंमेंसेएकहै।भारतकी 8% आबादीकेलिए, 38 भौगोलिकक्षेत्रों (जीए) केगैसवितरणकेअपनेअधिकार-पत्रकेआधारपर, एटीजीएलअपनेएनर्जीमिक्समेंप्राकृतिकगैसकीहिस्सेदारीबढ़ानेकेलिएकियेजारहेराष्ट्रकेप्रयासोंमेंमहत्वपूर्णभूमिकानिभाताहै।इन 38 जीएमेंसे 19 काप्रबंधनएटीजीएलकरताहैऔरशेषजीएकाप्रबंधन, इंडियनऑयल-अदाणीगैसप्राइवेटलिमिटेड (आईओएजीपीएल) द्वाराकियाजाताहै, जोअदाणीगैसलिमिटेडऔरइंडियनऑयलकॉर्पोरेशनलिमिटेडकी 50:50 हिस्सेदारीवालाएकसंयुक्तउपक्रमहै।

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