नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण खत्म करने के खिलाफ रविवार को ओबीसी महासभा ने मुख्यमंत्री आवास घेराव का ऐलान किया है। इसके पहले सरकार की तरफ से 8 पदाधिकारियों को नोटिस भेजे गए हैँ। नोटिस में कोरोना गाइडलाइन और पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पहले शिवराज सरकार दमन पर उतारू हो गई है। ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार दबाने की जितनी कोशिश कर लें, सीएम आवास का घेराव होगा। फिर भी मांगें नहीं मानी, तो अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे।
वहीं, दूसरी तरफ आरएसएस ने शनिवार को स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के सम्मान में पथ संचलन निकाला। यह पथ चलन जवाहर चौक से शौर्य स्मारक पर समाप्त हुआ। इस पर ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने सवाल उठाया। बोले- भोपाल में आरएसएस का पथ संचलन हो सकता है, लेकिन ओबीसी महासभा महासभा पिछड़ों के अधिकार के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकती। यह दोतरफा व्यवहार क्यों?
ओबीसी महासभा के प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह ओबीसी ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों से डरने वाले नहीं हैं। 2 जनवरी को आंदोलन सफल हाेगा। सरकार कितने लोगों को रोकेगी। सरकार ने हमारी मांगों को लेकर कार्रवाई नहीं करती है, तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर प्रदर्शन के संबंध में सरकार को पहले ही सूचना दे दी थी, लेकिन सरकार ने उलटा हमारे 8 पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसमें कोरोना और शांति भंग करने की बातों का जिक्र है।
दिनेश सिंह ने कहा कि भाजपा के कार्यक्रम होते हैं, तो कोरोना नहीं फैलता है। हम शांतिपूर्ण और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मांग रखना चाहते हैं तो काेरोना फैलने का सरकार बहाना कर आवाज दबाना चाह रही है।
जयस का भी प्रदर्शन को समर्थन
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन को लेकर प्रदेश में तैयारी की गई है। भीम आर्मी के चन्द्रशेखर आजाद भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। जयस ने भी प्रदर्शन को समर्थन दिया है।