डकैत जेल से लौटकर बना तस्कर 20 साल बाद लौटा तो UP के मैनपुरी से लाने लगा कट्‌टे-बंदूक और गोलियां; चंबल में बड़ी गैंग में रहा है

मध्यप्रदेश की चंबल घाटी में रहे डकैत कम्मोद सिंह भदौरिया को हथियारों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से 9 देशी कट्‌टे, एक दुनाली बंदूक और 14 कारतूस मिले हैं। कम्मोद उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से हथियार और कारतूस लाता था। वह 20 साल जेल की सजा काटकर लौटा तो हथियारों की तस्करी करने लगा। कम्मोद चंबल में डकैत रहे राजनारायण शर्मा गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 9 मामले दर्ज हैं।

भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि साइबर सेल प्रभारी शिवप्रताप सिंह और पावई थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने कम्मोद को मल्लपुरा मोड़ के पास से पकड़ा है। पूछताछ में पता चला कि वह मैनपुरी से कट्‌टा, पिस्टल और कारतूस लाता था। इन्हें भिंड, मुरैना और ग्वालियर समेत अन्य जिलों में सप्लाई करता था।

तीन साल पहले भी पकड़ा गया था

अमायन पुलिस ने कम्मोद को 2018 में चार अधिया और एक बंदूक के साथ पकड़ा था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आया। गोरमी थाना पुलिस ने एक महीने पहले कम्मोद के कुछ साथियों को हथियारों की तस्करी करते हुए पकड़ा था। इसमें कम्मोद पर भी केस दर्ज किया गया था।

20 साल की हुई थी सजा

सन् 1993 से 97 तक कम्मोद, डकैत राजनारायण गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है। उसे 1997 में 20 साल की सजा हुई थी। इसके बाद उसे जेल भेजा गया। राजनारायण गैंग का भी खात्मा कर दिया गया। कम्मोद 20 साल की सजा काटने के बाद 2016 में जेल से बाहर आया। इसके बाद हथियारों की तस्करी करने लगा।

इसी बंदूक से साथ हुआ था फरार

पुलिस के मुताबिक कम्मोद से 12 बोर दुनाली बंदूक मिली है। पूछताछ में पता चला कि यह बंदूक डकैत रहने के दौरान की है। पुलिस का कहना है कि डबल मर्डर के बाद वह राजनारायण गैंग में शामिल हुआ था। जब्त की गई बंदूक से गिरोह में रहकर वारदात करता था।

अलग-अलग थानों में 9 केस

  • वर्ष 1993 से आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त हुआ कम्मोद सिंह।
  • पावई थाने में 4 ( हत्या, अवैध हथियार, मारपीट व बलवा ), अटेर में 2 (हत्या, नकबजनी ), अमायन में 1 (हथियार तस्करी ), गोरमी में 1 ( हथियार तस्करी) केस दर्ज।
  • वर्ष 1997 में पकड़े जाने के बाद जेल गया। 14 साल की जेल काटने के बाद 2016 में हुआ था रिहा।
  • बदमाश ने सन् 1997 में गांव के रहने कोक सिंह तोमर और भोगीराम सिंह भदौरिया निवासी मौरा की हत्या की थी।
  • पहले बदमाश पर अटेर थाना में 1993 में धारा 457, 380 के तहत केस दर्ज हुआ था।

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