महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का शनिवार के श्रंगार में रुद्राक्ष का सबसे ज्यादा उपयोग किया गया। बाबा महाकाल की जटाएं बनाने के लिए चंदन का उपयोग किया।
भस्म रमाने के पहले के महाकाल के दर्शन।
शिखर पर फूलों की मालाएं भी चढ़ाईं। श्रंगार के बाद मोगरे, सेवंती व गुलाब के फूलों की मालाएं चढ़ाईं। ज्योतिर्लिंग पर फूलों व चांदी से बनी वस्तुएं भी लगाई गईं।
भस्म रमाने के बाद के महाकाल के दर्शन।
शिखर पर चांदी का मुकुट व रुद्राक्ष की मालाएं पहनाईं। श्रंगार के बाद भस्म आरती की गई। मिष्ठान, फलों व भांग का भोग लगाया।