इंदौर की सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने लुटेरी दुल्हन गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये महिलाएं शादी कर ससुराल से जेवर-नकदी बटोर कर फरार हो जाती थी। तीनों महिलाएं शादीशुदा हैं। बावजूद नाम बदलकर ऐसे नौजवानों को झांसी में लेती हैं, जिनकी शादी नहीं हो रही हो या उनमें कोई खामी हो। गिरोह में शामिल 20 वर्षीय युवती शादी करके तीसरे दिन ही फरार जाती थी। वहीं, गिरोह की दो महिलाएं युवती की मां व बहन का किरदार निभाती थी। वहीं, अब पुलिस गिरोह दलाल की देवास में तलाश कर रही है।
थाना प्रभारी अशोक पाटीदार ने बताया कि नाॅर्थ तोड़ा निवासी रवि नामक युवक ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। रवि ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पूर्व दलाल मनोज के माध्यम से हवा बंगला निवासी मंजू से मुलाकात हुई थी। मंजू ने रेशमा नामक युवती से मिलवाया। कहा- वह शादी करने के लिए तैयार है।
90 हजार रुपए की डील हुई, जिसमें रवि द्वारा 75 हजार रुपए महिला को दे दिए गए। करीब आठ दिन पूर्व दोनों ने शादी तो कर ली, लेकिन रेशमा तीसरे दिन ही ससुराल से भाग गई। शिकायत के बाद गुरुवार को पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर रेशमा को तेजपुर गड़बड़ी से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में रेशमा ने बताया कि मंजू निवासी हवा बंगला उसकी बहन बनी थी। अंतिम चौराहा निवासी पूजा ने मां बनकर रस्में निभाई थीं। पुलिस ने देर रात पूजा और मंजू को भी गिरफ्तार कर लिया। टीआइ के मुताबिक रेशमा का असली नाम राधिका राव है। उसे शादी की एवज में सिर्फ 10 हजार रुपए मिलते थे। शक है कि रेशमा पहले भी इसी तरह शादी कर ठगी कर चुकी है। उसकी आइडी और मोबाइल नंबर की जांच चल रही है। पुलिस मामले में मनोज निवासी देवास की तलाश कर रही है।
गौरतलब है कि गिरोह की सरगना मंजू और पूजा के पति जेल में एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हो चुके हैं। जिनकी जमानत करवाने के लिए महिलाओं ने इस तरह का खेल रचा था। पुलिस को आशंका है कि यहां महिलाएं पहले भी इस तरह के अपराध को अंजाम दे चुकी है।