दो दिन पहले ओला वृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय सामने प्रदर्शन किया। किसानों ने तत्काल प्रभाव से फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की। किसानों ने 2020 में हुए सोयाबीन के नुकसान की बीमा राशि देने की मांग की।
7 जनवरी को उज्जैन के कई इलाकों में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गयी। इन फसलों के मुआवजे को लेकर किसान संघ ने सैकड़ों किसानों को लेकर प्रदर्शन किया। किसानों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान संघ के भरत सिंह ने बताया कि जिले के लेकोड़ा, लिम्बपिपलिया, गोंदिया, ब्रजराजखेड़ी, गंगेड़ी, टंकारिया, हमीरखेड़ी, टकवास, बादलखेड़ी, झिरोलिया, फतेहाबाद, अजराना, माकड़ोन, उन्हेल, मंगरोला सहित अन्य गाँवों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसमें कई जगह की फसलों को शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। कुछ गाँवों की फसलें आड़ी पड़ गयी हैं।
किसान संघ की मांग है कि सभी जगह जल्द ही सर्वे कराया जाए साथ ही फसलों का भौतिक सत्यापन कर अति शीघ्र किसानों को मुआवजा दिलवाया जाए। किसानों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा आलू, प्याज, लहसन की फसलों पर किसानो का बहुत ज्यादा खर्च हुआ है। फिलहाल सरकार 2020 में सोयाबीन की फसलों का बीमा राशि किसानों को दे ताकि कुछ राहत मिल सके।