उज्जैन के नजदीक कायथा की दो महिलाओं को कोविड पॉजिटिव बता दिया गया है। ये दोनों महिलाएं अपने घर की युवती को दिखाने अस्पताल पहुंची थी। इस दौरान गर्भवती का कोविड सेंपल लिया और उसके चाचा का मोबाइल नंबर नोट किया लेकिन रिपोर्ट में दोनों महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव बता दी गई।
दोनों महिलाओं ने कहा कि हमने तो किसी तरह का टेस्ट कराया ही नहीं ना ही किसी ने हमारा सेंपल लिया। इस घटनाक्रम के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल कायथा में आये 10 संक्रमितों में से दो संक्रमित महिलाओं ने आरोप लगाया कि बिना टेस्ट के ही पॉजिटिव बता दिया। इसके बाद दोनों महिलाओं को घर में ही आइसोलेट कर बेरिकेटिंग कर दी।
कायथा निवासी महिला किरण पति मुकेश ने आरोप लगाया है कि 8 दिसंबर को कायथा के स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती भतीजी को दिखाने गए थे। कायथा के अस्पताल में भतीजी की अन्य जांच के बाद कोरोना टेस्ट भी किया गया। इसके बाद मेरा नाम पता पूछकर मोबाइल नंबर लिख लिया। इस दौरान भतीजी का पति और जेठानी भी साथ थे।
अस्पतालकर्मियों ने किरण का छोड़कर सभी टेस्ट करवाया। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आकर बताया कि मैं कोरोना संक्रमित हूं। जबकि मैंने तो टेस्ट ही नहीं करवाया। इस पूरे मामले में किरण की भतीजी उसके पति और भाभी की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।
दूसरा मामला भी कायथा का है। यहां 50 वर्षीय दुर्गा नाम की महिला अपनी गर्भवती बहू को दिखाने कायथा के अस्पताल गयी थी। दुर्गा ने बताया कि जांच के दौरान में अस्पताल के बाहर ही खड़ी रही। मेरी बहू से घर परिवारवालों के नाम पूछ लिया और आज 10 तारीख को मुझे संक्रमित बता दिया। जबकि मैंने तो कोई टेस्ट करवाया ही नहीं है
ऐसे सामने आई नाराजी –
कायथा की नायब तहसीलदार सोनम भगत जब कोविड गाइड लाइन की जानकारी देने इन दोनों घरों में पहुंची तो परिवारवालों ने तहसीलदार से इस मामले में सवाल जवाब किये। हालांकि तहसीलदार पूरे मामले में कोई जवाब नहीं दे पायी। सोनम भगत ने कहा कि यदि ऐसा है तो हम मंगलवार को फिर से कोरोना का टेस्ट करवा लेंगे। इधर, जिला टीकाकरण अधिकारी केसी परमार ने कहा कि मामले को मैं दिखवाता हूं। संभवतः नाम में गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ होगा।