वेतन कटौती के विरोध में भेल वर्क्स कांट्रेक्ट श्रमिक एकता यूनियन के नेतृत्व में ठेका श्रमिकों ने लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया।
भेल के फाउंड्री गेट-पांच पर ठेका श्रमिक एकत्रित हुए और वेतन कटौती को लेकर भेल प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ नारेबाजी की। ठेका श्रमिकों की मांग है कि भेल ने कोरोना का बहाना लेकर ठेका श्रमिकों के वेतन में 1500 से 2000 तक की कटौती की है, उसे वापस लिया जाए। पहले 10 से 12 हजार रुपये तक प्रतिमाह वेतन प्रति ठेका श्रमिकों को दिया जाता था। कटौती से नौ हजार तक वेतन मिल रहा है। इससे परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यूनियन के महासचिव सुमित पटैरिया ने बताया कि जब तक भेल प्रबंधन व ठेकेदार आपस में तय करके वेतन में की गई कटौती का फैसला वापस नहीं ले लेते हैं, तब तक हम काम छोड़ कर विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। बता दें कि भेल कारखाने में साढ़े पांच हजार ठेका श्रमिक हैं। 165 छोटे व बड़े ठेकेदार हैं। ठेकेदार श्रमिकों को भेल कारखाने में काम पर लगाते हैं। भेल प्रबंधन की ओर से हुई कटौती से ठेकेदार श्रमिकों को कम वेतन दे पा रहे हैं। इससे भेल श्रमिकों का गुस्सा भेल प्रबंधन के ऊपर फूट रहा है। मंगलवार को विरोध करते हुए साढ़े तीन हजार ठेका श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। बुधवार को कम संख्या में ठेका श्रमिक एकत्रित हुए। इससे पहले भी ठेका श्रमिक समय-समय पर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं। ठेका श्रमिक नेता मनोज जादौन के नेतृत्व में भी पिछले दिनों ठेका श्रमिकों ने वेतन कटौती के विरोध में भेल कारखाने के फाउंड्री गेट-पांच, छह पर विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन अब तक भेल प्रबंधन की तरफ से वेतन कटौती का निर्णय वापस नहीं लिया गया है। भेल अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदारों से जो समझौता हुआ है, उसी हिसाब से ठेकेदारों को एकमुश्त भेल ठेका श्रमिकों का वेतन दिया जाता है।