भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर के नए निदेशक प्रो. सुहास जोशी 24 जनवरी को पद ग्रहण कर सकते हैं। आइआइटी इंदौर के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार निदेशक के स्वागत की तैयार की जा रही है।
परिसर में पहुंचने पर पहले कार्यवाहक निदेशक प्रो. नीलेश कुमार जैन और प्रो. सुहास जोशी के बीच कुछ मुद्दों पर बात हो सकती है। परिसर का दौरा करने के बाद वे संस्थान के विभागों के प्रभारियों से मिल सकते हैं।
आइआइटी इंदौर में कोरोना संक्रमण के कारण करीब तीन वर्षों से आफलाइन कक्षाएं नहीं लगी हैं। आनलाइन कक्षाएं चल रही हैं।कोरोना संक्रमण से सुरक्षा और कक्षाओं को लेकर आगे क्या रणनीति बनाई जाएगी, इस पर विचार किया जा सकता है। प्रो. सुहास जोशी ने नईदुनिया से बात करते हुए बताया था कि उनका इंदौर से पुराना नाता है। वे राजा रमन्ना सेंटर फार एडवांस्ड टेक्नोलाजी (आरआरकैट) के साथ कई प्रोजेक्ट कर सकते हैं। ऐसे में आगे भी संभावनाएं रहेंगी कि आइआइटी इंदौर और आरआरकैट के बीच कई नए समझौते हो सकते हैं। शोध कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करने के बाद कुछ और संस्थानों से भी आनलाइन माध्यम से वे बात कर सकते हैं। आइआइएम इंदौर का भी आइआइटी इंदौर से बेहतर समन्वय हो गया है। प्रो. नीलेश कुमार जैन के कार्यकाल में आइआइएम इंदौर के साथ मिलकर संस्थान डाटा मैनेजमेंट का कोर्स संचालित कर रहा है। आइआइएम इंदौर की वार्षिक आइ-5 समिट में भी आइआइटी इंदौर जुड़ गया था। कुछ वर्षों में आइआइटी इंदौर ने स्थानीय प्रशासन से भी जुड़ने की कोशिश की और कोरोना महामारी और अन्य मामलों में कई मदद की है।