शहरी सीमा में आ चुके कनाड़िया गांव में कंकावती नदी में कुछ कालोनियों का गंदा पानी मिल रहा है। इसे लेकर नईदुनिया ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया तो बुधवार को प्रदेश के जल संसाधन मंत्री और क्षेत्र के विधायक तुलसीराम सिलावट ने कनाड़िया का दौरा कर नदी का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने रहवासियों की शिकायत सुनने के बाद वहां मौजूद नगर निगम अधिकारियों और एसडीएम शाश्वत शर्मा को निर्देश दिए कि मामले की जांच की जाए और प्रदूषण फैलाने वाले कालोनाइजरों से बैठक कर नदी में आने वाले सीवेज को रोकने के उपाय किए जाएं। यदि कालोनाइजर नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि कंकावती नदी में शहर की कालोनियों का दूषित पानी नहीं मिलने दिया जाएगा। नदियां हमारी धरोहर है। इनका प्राकृतिक पानी का स्रोत नष्ट करना और इसमें सीवरेज का पानी मिलाना आने वाली पीढ़ी के साथ घोर अन्याय और अपराध है। इस दौरान कनाड़िया के जागरूक रहवासियों राधेश्याम मंडलोई, संजय शर्मा, दिलीप ठाकुर, कमल पटेल और कल्याण मंडलोई ने मंत्री और अधिकारियों को नदी के प्रदूषण के बारे में बताया। रहवासियों ने गांव की गलियों में बह रहे गंदे पानी की समस्या भी बताई। साथ ही कनाड़िया से अम्बामोलिया तक की अधूरी सड़क पूरी कराने का अनुरोध भी मंत्री से किया। मंत्री ने एसडीएम शर्मा को निर्देश दिया कि वे स्वयं इस मामले की निगरानी करें और यह सुनिश्चित कराएं कि नदी में सीवरेज का पानी नहीं मिले। मंत्री ने गलियों में बह रहे पानी की समस्या हल करने के लिए निगम अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने सड़क का निरीक्षण भी किया और लंबित निर्माण पर अप्रसन्नता भी जताई।
26 लाख से बन रहा घाट – गांव में लगे हाईमास्ट को भी तत्काल चालू करने के लिए उन्होंने विद्युत विभाग और निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने जल संसाधन विभाग द्वारा नदी पर 26 लाख रुपये की लागत से बनाए जा रहे घाट का निरीक्षण भी किया। उन्होंने घाट निर्माण के स्थान पर स्थापित बिजली के खंभे को हटाने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार एचएस विश्वकर्मा, सिराज खान, निगम के सब इंजीनियर आकाश लश्करी सहित जल संसाधन, ऊर्जा विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इससे पहले मंत्री ने रेसीडेंसी कोठी में अधिकारियों की बैठक भी ली।