भोपाल में 200 लोगों से ठगी:- जालसाज गैंग ने बिना प्रॉपर्टी के 15-15 करोड़ रुपए लोन देने का दिया झांसा, फीस जमाकर फरार, फर्जी निकली कंपनी

भोपाल में जालसाज गैंग फर्जी फाइनेंस कंपनी खोलकर 200 लोगों के साथ ठगी कर फरार हो गई। बागसेवनिया पुलिस ने कोचिंग संचालक की शिकायत पर कंपनी के जालसाज डायरेक्टर समेत उसकी गैंग के अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कोचिंग संचालक ने पुलिस को बताया कि गैंग ने उसे 15 करोड़ रुपए का लोन देने का झांसा देकर 7 लाख रुपए फीस के नाम पर ठग लिए। इसी तरह कंपनी ने करीब 200 लोगों के साथ ठगी की है। हालांकि, पुलिस के पास अब तक 8 लोग ही शिकायत करने पहुंचे हैं। जिनसे करीब 20 लाख रुपए ठगे गए हैं। कंपनी लोन लेने वालों से संपत्ति के दस्तावेज भी नहीं मांगती थी। पुलिस की जांच में कंपनी फर्जी निकली है।

पुलिस के मुताबिक, मकान-12 ओएसएस चूनाभट्‌टी में रहने वाले शैलेन्द्र रावत (48) एमपी नगर में कोन्टम कोचिंग क्लासेस चलाते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 23 नवंबर 2021 को आशीष मिश्रा नाम का व्यक्ति कोचिंग सेंटर में आया। उसने बताया कि वह एईएस फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में सेल्स का काम देखता है। शैलेन्द्र को उसने बताया कि कंपनी का ऑफिस सी-255 द्रोपती देव बागमुगालिया 80 फीट रोड पर है। कंपनी तीन साल से भोपाल में चल रही है।

जल्द ही कंपनी बैंक खोलने वाली है। इसलिए कंपनी के हेड रीतेश गुप्ता (डायरेक्टर) ने आपको विजिट करने के लिए कंपनी के आफिस में बुलाया है। शैलेन्द्र को लोन की आवश्यकता थी। ऐसे में वह उसी दिन रीतेश गुप्ता से मिलने उसके आफिस पर पहुंच गए। रीतेश ने उन्हें 15 करोड़ रुपए लोन करवाने का आश्वासन दिया। उसने 1 लाख 10 हजार रुपए लागिन फीस जमा करने का लिए कहा। 24 नवंबर को शैलेन्द्र ने लागिन फीस आरटीजीएस के जरिए कंपनी में जमा करा दिए। इसके बाद रीतेश ने उन्हें फोन कर बताया कि आपका लोन पास हो गया है। लोन स्वीकृत कराने के लिए 5 लाख 75 हजार रुपए और जमा करने होंगे।

जिसे 6 दिसंबर को शैलेन्द्र ने जमा कर दिए। 6 खाली चेक भी उनसे जमा कराए। 13 दिसंबर को जब लोन पास नहीं हुआ तो उन्होंने गुप्ता को फोन किया। गुप्ता ने फोन रिसीव करना बंद कर दिया। जब शैलेन्द्र ने अपने स्तर पर पता किया तो खुलासा हुआ कि कंपनी फर्जी है। उसने उनके तरह ही कई लोगों से ठगी की है। पुलिस ने रीतेश गुप्ता व उसके पार्टनर बालादीन रजक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया। टीआई संजीव चौकसे ने बताया कि फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस गैंग की तलाश में जुटी है।

इन लोगों ने थाने में की शिकायत

पुलिस के मुताबिक कंपनी ने राजेश मेवाड़ा से 5 लाख 55 हजार, विवेक मिश्रा से 1 लाख 10 हजार रुपए, मुकेश गायकवाड़ से 60 हजार रुपए, त्रिलोक गर्ग से 1 लाख 25 हजार रुपए, अमित सिंह से 7 हजार 850 रुपए, महेश विजयपुरिया से 7 हजार 850 रुपए, राजेन्द्र पटेल से 4500 रुपए और श्याम सिंह जाट से 3 लाख 85 हजार रुपए की ठगी की है। रीतेश गुप्ता ने पीड़ितों को रसीद भी दी थी। शैलेन्द्र का कहना है कि कंपनी ने करीब 200 लोगों से ठगी की है। अधिकतर लोगों ने अभी पुलिस से शिकायत नहीं की है।

जालसाज गैंग के सदस्य

पुलिस को जानकारी मिली कि रीतेश, बालादीन के अलावा कंपनी में अजय इरपाचे, अनामिका गौर, पायल अडलक,सतीष भंवर, आशीष मिश्रा, मुरली पिर्चे समेत अन्य लोग काम करते थे। जांच के बाद पुलिस इन्हें भी आरोपी बना सकती है। पुलिस ने कंपनी के दफ्तर पहुंची, लेकिन वहां ताला लगा मिला।

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