सागर जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अलग अंदाज देखने को मिला। वे रविवार को केसली के ग्राम बसा में बूथ विस्तारक योजना के तहत बूथ समिति में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान गांव में आदिवासी महिलाएं एक चौपाल पर बैठकर भजन गा रही थीं।
महिलाओं का गीत सुनकर सीएम वहां पहुंचे, और उनके बीच जाकर बैठ गए। इसके बाद उन्होंने न केवल आदिवासी महिलाओं के साथ भजन गाए, बल्कि बुंदेली वाद्य यंत्र नगड़िया भी बजाया। सीएम ने कहा कि आनंद की बारिश यहां हुई है। मैं प्रसन्न हूं, इतने अच्छे गांव में आने का मौका मिला।
मंदिर में की पूजा, लोगो की समस्याएं सुनी
मुख्यमंत्री चौहान ने बसा गांव में आदिवासी कार्यकर्ताओं की समस्याएं भी सुनीं। फिर वहां मौजूद अफसरों को उनका निराकरण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बूथ कार्यकर्ताओं के घर पहुंचकर बूथ समिति की बैठक ली। भाजपा कार्यकर्ताओं का परिचय भी जाना। मुख्यमंत्री ने गांव में स्थित दुर्गा मंदिर और हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की।
ज्वार व मक्के की रोटी, मुनगा के फूल की कढ़ी खाई
सीएम शिवराज आदिवासी कार्यकर्ता बृजेश मर्सकोले के घर पहुंचे। उन्होंने जमीन पर बैठकर थाली में भोजन किया। भोजन में ज्वार और मक्के की रोटी, मुनगा के फूल की कढ़ी, चिरपोटा (छोटा टमाटर) की चटनी, चना निगोना आदि व्यंजनों का स्वाद चखा। उनके साथ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, PWD मंत्री गोपाल भार्गव समेत अन्य नेता मौजूद थे। कार्यक्रम में CM चौहान ने कहा कि संगठन ने तय किया था कि बूथ विस्तारक योजना के तहत मुझे बसा गांव आना है। बूथ विस्तारक योजना के तहत कार्यकर्ताओं की बैठक की। बूथ समिति पन्ना प्रमुख भी बन गए हैं।
कार्यक्रम में उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां।
CM के सामने ही उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान गांव में कार्यकर्ताओं की भीड़ रही। करीब 500 की आबादी वाले गांव में दो हजार से अधिक लोग जमा हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हुआ। कुछ लोगों ने मास्क भी नहीं लगा रखा था।