इस बार साफा नहीं खास टोपी में नजर आए प्रधानमंत्री मोदी, गले में पहना मणिपुर का स्टॉल

भारत आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज के ही पावन दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। ये दिन प्रतीक है हमारे देश के मान का, सम्मान का और उन शहीदों के त्याग और प्रेम का, जिनके बलिदान से देश अपने स्वाभिमान के साथ खुली हवा में सांस ले रहा है।

आज के इस पावन दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और वहां पर उन्होंने भारत मां की रक्षा करते हुए अलग अलग युद्धों और ऑपरेशन्य में शहीद हुए करीब 26000 जवानों को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद उन्होंने विजिटर बुक में साइन किया।

आईएमए उत्तराखंड की टोपी

इस खास मौके पर पीएम मोदी का खास अंदाज नजर आया है, इस बार पीएम मोदी के सिर पर साफा नहीं बल्कि एक खास टोपी दिखाई दी जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल पीएम मोदी ने जो टोपी आज पहनी है, वो कोई आम नहीं बल्कि स्पेशल टोपी है, जो कि आईएमए उत्तराखंड की टोपी है, जिस पर ब्रह्मकमल का फूल बना है, जो कि उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है।

मणिपुर का स्टोल

पीएम मोदी ने इस टोपी के साथ ही मणिपुर का Stole भी पहना है। आपको बता दें कि जब पीएम मोदी केदारनाथ के दर्शन करने गए थे तो उन्होंने वहां पर ब्रह्मकमल ही अर्पित किए थे।

शहीदों को सम्मान

मालूम हो कि पीएम मोदी ने ये खास टोपी उन शहीदों को सम्मान देने के लिए पहनी है, जिन्होंने अपने भारत मां की रक्षा में अपना सिर न्यौछावर कर दिया। ये टोपी उनलोगों को मान देने के लिए पहनी गई है, जो सर्दी-गर्मी, बरसात की परवाह ना करते हुए बार्डर पर प्रहरी बनकर 24 घंटे हमारे देश की रक्षा करते हैं और जिनकी बदौलत हम अपने घरों में सुकून की सांस ले पाते हैं।

खास बातें

आपको बता दें कि 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर भारत का लिखित संविधान लागू किया गया था और इसके बाद इंडिया को पूर्ण स्वराज का दर्जा मिला था। इसके बाद 10:24 मिनट पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और शपथ लेने के बाद ही उन्होंने 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व और राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था। आपको बता दें कि भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

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