व्यवस्थाओं को जमीन पर उतारने और आम जन को राहत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया। लेकिन सरकार की मंशा को मैदानी स्तर पर जिम्मेदार ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं।
इसी का जीता जागता उदाहरण है पाटन जनपद की कटरा बेलखेड़ा ग्राम पंचायत। यहां के जिम्मेदारों ने काम तो एक बार भी ठीक से नहीं कराया, लेकिन पैसा तीन-तीन बार निकलवा लिया।
बताया जाता है कि कटरा-बेलखेड़ा में, मस्जिद से जवाहर सिंह के घर तक सड़क व नाली निर्माण के लिए 30 अगस्त 2018 को 5 लाख रुपये निकलवाए गए। इसी तरह से 26 सितंबर 2018 को कटरा-बेलखेड़ा तिराहे से मौजीलाल भुर्रक के घर तक सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए एक लाख तिरासी हजार रूपये आहरित कराए गए।
इसके बाद 1मार्च 2019 को फूलसिंह के घर से राकेश विश्वकर्मा के घर तक नाली निर्माण और सीसी रोड के लिए ही 5 लाख 83 हजार निकलवा लिये गए। सबसे बड़ी बात यह है कि ये तीनों ही काम एक ही सड़क पर कराए गए हैं। पैसों की बंदरबांट के लिए काम का नामकरण ही भ्रामक तरीके से किया गया।
इसी तरह से 1 मार्च 2019 नारायण राठौर के घर से राकेश पटैल के घर तक सीसी रोड और नाली निर्माण के तीन लाख अट्ठाईस हजार रुपये काम करवाये बिना ही निकलवा लिये गये। इसके अलावा भी पंचायत में अनेक प्रकार की अनियमितताएं की गई हैं, जिनकी जांच के लिए कलेक्टर कार्यालय का दरवाजा गांव के लोगों ने खटखटाया है।
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1- एक ही सड़क का निर्माण कार्य अलग-अलग नाम से एक ही पंचवर्षीय के दौरान तीन बार करा लिया गया, जबकि सड़क की दशा आज भी खराब है।
मुन्ना महेरे, ग्रामवासी
2- गांव के सरपंच-सचिव और सह सचिव ने मिलकर बड़े पैमाने पर विभिन्न योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया है, जिसकी जांच होना चाहिए।
अतुल भुर्रक, ग्रामवासी
3- ग्राम कटरा-बेलखेड़ा से आए कुछ ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं की लिखित शिकायत दी है। तत्संबंध में उचित कार्रवाई की जायेगी।
सुरेश सोनी, तहसीलदार