महू विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति भी जांच के घेरे में , उच्च शिक्षा विभाग ने दिए जांच के आदेश

डा. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (महू) के प्रभारी कुलपति डा. डीके शर्मा को लेकर विवाद सामने आया है। डेढ़ साल पहले छुट्टियों पर जाने के लिए उनके द्वारा पेश किए गए चिकित्सा प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर शासन को शिकायत की गई।

अतिरिक्त संचालक को जांच के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश कुलपति बनने से ठीक एक दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया है। फिलहाल प्रभारी कुलपति ने प्रमाण पत्र को सही बताया है और जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं।

आर्थिक अनियमितता के चलते प्रो. आशा शुक्ला को विश्वविद्यालय के कुलपति पद से हटा दिया गया है। राजभवन ने उनके स्थान पर होलकर साइंस कालेज के प्राध्यापक डा. शर्मा को प्रभारी कुलपति बनाया है, जो इससे पहले विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद पर रह चुके हैं। उस दौरान उनके बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। 10 अगस्त से 15 सितंबर 2020 के बीच वे छुट्टी पर रहे। इस अवधि का डा. शर्मा ने चिकित्सा प्रमाण पत्र दिया और सेहत बिगड़ने की बात कही। मगर तत्कालीन कुलपति प्रो. शुक्ला ने शासन को पत्र लिखकर प्रमाण पत्र को फर्जी बताया। शासन ने 27 जनवरी को अतिरिक्त संचालक डा. सुरेश सिलावट को जांच करने के निर्देश दिए। आदेश अवर सचिव वीरनसिंह भलावी ने जारी किया है। डा. शर्मा का कहना है कि बेटे की मृत्यु के बाद मैंने तुरंत छुट्टी के लिए आवेदन दिया था। मगर कुलपति ने मान्य नहीं किया। बेटे की मृत्यु होने के कारण स्वास्थ्य बिगड़ने लगा तो मैंने भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक के डा. अरविंद (एमडी मेडिसिन) का प्रमाण पत्र दिया था। तत्कालीन कुलपति डा. शुक्ला का कहना है कि उनके बेटे की मृत्यु हुई थी। उस दौरान पूरा विवि उनके यहां पहुंचा था। वे उस समय बीमार नहीं थे। प्रमाण पत्र पर कुछ सवाल खड़े किए थे। वैसे उस मामले में अब कुछ नहीं बोलना है। उच्च शिक्षा विभाग इसकी जांच कर रहा है। अतिरिक्त संचालक डा. सिलावट का कहना है कि पत्र मिला है। जल्द ही जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

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