उज्जैन के खाचरौद तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ी भेसौला में शुक्रवार को धूमधाम से डीजे पर निकल रही दलित की बारात को गांव के ही दबंगों ने रोक दिया था। इसके बाद कुछ लोगों ने खाचरौद पुलिस को शिकायत की। शिकायत के बाद पुलिस के साये में बारात को निकालना पड़ा। पूरा मामला उज्जैन से 75 किमी दूर का है। पुलिस का कहना है कि बारात रोकने जैसा कोई मामला नहीं है, लोगों को कुछ समझने में भूल हो गई होगी। दोनों पक्षों को समझाइश देकर मामले को शांत कराया।
28 जनवरी की रात को गांव के दलित किसान शंभूलाल कसौटिया के बेटे राधाकिशन की बारात निकाली जा रही थी। नाच रहे परिजनों के साथ बारात जैसे ही गांव के दबंग वर्ग के मोहल्ले में पहुंची तो गांव के ही दबंगों ने बारात को रोक दिया। कसौटिया परिवार के ही कुछ लोगों ने खाचरौद थाने में इस बात की शिकायत की। हालांकि पुलिस सही वक्त पर पहुंची और कोई बड़ी घटना नहीं घटने दी। लेकिन दबंगों द्वारा बारात रोकने की घटना को लेकर रात भर पुलिस सतर्क रही।
गांव में पहले कभी नहीं हुई ऐसी घटना
गढ़ी भेसौला में राजपूत समाज का वर्चस्व है। बड़ी संख्या में ठाकुर परिवार गांव में रहते है। शंभूलाल ने बताया की मेरे बेटे और बेटी दोनों की शादी थी। 29 जनवरी को बेटे की बारात रतलाम जानी थी। उससे पहले 28 जनवरी को गांव में ही रिसेप्शन रखा था। घर से वर निकासी हुई तो जैसे ही हम सब नाचते गाते गांव में सामन्य वर्ग के मोहल्ले में पहुंचे तो कुछ लोगों ने डीजे बंद करवा दिया और बारात वापस ले जाने को कहा। जिसके बाद पुलिस के आने पर मेरे बेटे की बारात निकली है, हालांकि हमारे गांव में ऐसी घटना पहली बार हुई है।
अखिल भारतीय बलाई महसभा ने ज्ञापन दिया
दलितों की बारात रोकने की घटना की बात जैसे ही फैली तो अखिल भारतीय बलाई समाज के कार्यकर्ता खाचरौद थाने पहुंचे और टीआई रविंद्र यादव को ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने पुलिस के कामों को सराहा और आगे से इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इस बात का ध्यान रखने की बात कही।
दोनों पक्ष को समझाइश दी है
जब मौके पर हम गए थे तो बारात रोकने जैसी कोई बात नहीं थी कुछ मिस कम्युनिकेशन था इस वजह से दोनों पक्ष को समझाइश दी। सकरी गली के कारण डीजे निकल नहीं पा रहा था इस कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई। बारात को सकुशल रवाना किया गया।
रविंद्र यादव थाना प्रभारी खाचरौद