मौनी अमावस्या के दिन कलेक्टर के प्रतिबंधात्मक आदेश उस समय हवा हवाई हो गए। जब श्रद्धालु शिप्रा नदी के रामघाट पर होने वाले स्नान करने पहुंचे। इस दौरान मौके पर पुलिस और नगर निगम की टीम भी तैनात रही, लेकिन वह भी श्रद्धालुयों को रोकने में नाकाम रही।
शिप्रा नदी में डुबकी लगाते श्रद्धालु
गौरलतब है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए थे। जिसमें उन्होंने मौनी अमावस्या पर शिप्रा नदी के रामघाट पर होने वाले स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके लिए पुलिस व नगर निगम की टीम को भी तैनात किया गया था। अलसुबह होते–होते श्रद्धालु शिप्रा नदी के घाटों पर पहुंचना शुरू हो गए थे। जब टीम ने श्रद्धालुओं को रामघाट पर डुबकी लगाने से रोकने की कोशिश की तो बड़ी संख्या में वे दत्त अखाड़े पहुंच गए।
बड़ी संख्या में दत्त अखाड़े पहुंचे श्रद्धालुओं को रोकने वाला कोई नहीं था। जिसके बाद लगातार भीड़ बढ़ती गई। दत्त अखाड़े पर भीड़ बढ़ी तो धीरे-धीरे रामघाट पर भी लोग जमना शुरू हो गए और देखते ही देखते रामघाट पर भी श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला शिप्रा नदी में डुबकी लगा ली।
मौनी अमावस्या का महत्व
मंगलवार को मनाई जा रही मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान का बड़ा महत्व होता है। देशभर की नदियों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। मान्यता है की मौनी अमावस्या पर नदियों में देवी- देवताओं का वास होता है। स्नान करने से कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है