मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “राम वन गमन पथ पुनरावलोकन” पुस्तक का निवास कार्यालय में विमोचन किया। पुस्तक के लेखक डॉ. रामगोपाल सोनी तथा प्रकाशक उज्जैन के श्री पुष्कर बाहेती उपस्थित थे। डॉ. सोनी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। वे अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
डॉ. सोनी ने बताया कि इस पुस्तक से जहाँ एक ओर राम वन गमन के वास्तविक पथ का मार्ग प्रशस्त होगा वही प्रमुख संतों के आश्रम और उनके महत्व को लोग जान सकेंगे।
कालांतर में इन क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने में भी यह पुस्तक सहायक होगी। कुल 11 अध्याय में विभाजित 316 पृष्ठ की पुस्तक में विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण के वन गमन, अयोध्या से चित्रकूट, चित्रकूट से अमरकंटक, अमरकंटक से दंडकारिणी, पंचवटी से किशकिंधा, प्रवर्षण पर्वत से लंका की ओर प्रस्थान, सेतु बंध तथा लंका से पुष्पक विमान से अयोध्या आगमन का विस्तृत उल्लेख है। पुस्तक में विभिन्न आश्रम का भी वर्णन किया गया है।