राजधानी में कोरोना का सैंपल लेने के बाद मरीज की जानकारी आरटी-पीसीआर पोर्टल में दर्ज करने में दिक्कत आ रही है। इसकी वजह है कि आइसीएमआर के इस पोर्टल का सर्वर दोपहर में 12 से 1 बजे के करीब प्रतिदिन डाउन हो जा रहा है।
तब तक मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। भोपाल के लगभग सभी फीवर क्लिनिको में ऐसी स्थिति बनती है। कई जगह विकल्प के तौर पर पोर्टल में एंट्री करने की जगह रजिस्टर में नाम और फोन नंबर लिख लिया जाता है, लेकिन पोर्टल में एंट्री नहीं होने की वजह से मरीज को जांच रिपोर्ट संबंधी एसएमएस नहीं मिल पाता। पॉजिटिव आने पर मरीज को खोजना भी मुश्किल हो जाता है।
फीवर क्लीनिकों में जांच करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि आरटी-पीसीआर पोर्टल में मरीज का नाम, पता, उम्र और लक्षण दर्ज करना होता है। इसके बाद ही जांच की जाती है। सर्वर डाउन होने की स्थिति में मरीजों को इंतजार करने के लिए कहा जाता है। इसकी वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में हो रही है। यहां पर हर दिन करीब 500 मरीजों की जांच की जाती है, लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से जांच में देरी होती है। इस कारण मरीजों और कर्मचारियों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। ज्यादा मरीज होने और जांच में देरी होने की वजह से यहां पर पिछले हफ्ते जांच के लिए दो खिड़कियां बढ़ा दी गई हैं। एक खिड़की सामने की तरफ है, जहां पहले पर्चा बनाया जाता था। दो खिड़कियां पीछे की तरफ होम्योपैथी ओपीडी के पास हैं। भोपाल के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि यह पोर्टल आइसीएमआर का है इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते। मरीजों का नाम रजिस्टर में लिख दिया जाता है। बाद में पोर्टल पर एंट्री कर ली जाती है।