महाशिवरात्रि पर उज्जैन शहर में दीपोत्सव का आयोजन होगा, 11 लाख दीपों से सजेगी उज्जैन नगरी

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उज्जैन । महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर उज्जैन शहर में दीपोत्सव-2022 का आयोजन किया जायेगा इस अवसर पर उज्जैन शहर एकसाथ 11 लाख दीपों से जगमग होगा। इस भव्य आयोजन की रूपरेखा तय करने के लिये आज बृहस्पति भवन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, विधायक श्री पारस जैन, कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येंद्र कुमार शुक्ल की उपस्थिति में समाज के विभिन्न संगठन के प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों की बैठक आहुत की गई। बैठक में विभिन्न संगठनों द्वारा अपनी ओर से दीप प्रज्वलित कर महाशिवरात्रि पर्व पर दीपोत्सव आयोजित करने की बात की गई। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री अंशुल गुप्ता, यूडीए सीईओ श्री एसएस रावत, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री आशीष पाठक, महाकालेश्वर प्रशासक श्री गणेश धाकड़, श्री विवेक जोशी, महन्त श्री विनीत गिरी एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि दीपोत्सव आयोजन करने के लिये विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया जायेगा। यह समिति तय करेगी कि आयोजन को किस स्वरूप में मनाया जाना है। डॉ.यादव ने समाजजनों से आव्हान किया कि वे अपनी ओर से जिम्मेदारी लेते हुए लगाये जाने वाले स्थान व दीपों की संख्या से स्पष्ट रूप से कमेटी को अवगत करवायें। मंत्री ने दीपोत्सव की पूरी तैयारी करने के लिये अभी से विभिन्न घटकों पर विचार करने के निर्देश दिये हैं। डॉ.यादव ने कहा कि आगामी गुड़ी पड़वा पर नगर का जन्मोत्सव भी मनाया जायेगा। इसकी भी तैयारी पहले से की जाना आवश्यक है।

विधायक श्री पारस जैन ने इस अवसर पर कहा कि शिवरात्रि के एक दिन पूर्व शिव बारात निकालकर शहर में महाशिवरात्रि पर होने वाले दीपोत्सव की सूचना प्रदान की जाना चाहिये। उन्होंने समाजवार दीपोत्सव की जिम्मेदारी लेने एवं व्यापारी एसोसिएशन को इस आयोजन में शामिल करने के लिये कहा है।

कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि रामघाट एवं अन्य घाटों पर दीप प्रज्वलन की व्यवस्था समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा अपने हाथों में ली जाना चाहिये। उन्होंने इस अवसर पर शिप्रा तट पर स्थित विभिन्न घाटों पर दीप लगाने, विभिन्न मन्दिरों, सार्वजनिक भवनों एवं चौराहों पर भी दीपोत्सव मनाने की बात कही।

बैठक में उपयोगी सुझाव आये

आयोजित की गई बैठक में जननप्रतिनिधि एवं समाज के विभिन्न वर्गों से उपयोगी सुझाव आये। उज्जैन विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल ने कहा कि 10 लाख दीप प्रज्वलित करने का लक्ष्य है। इतनी बड़ी संख्या में मिट्टी के दीपों की व्यवस्था के लिये अभी से प्रयास करना चाहिये। श्री उल्लास वैद ने सुझाव दिया कि उज्जैन के प्रवेश मार्गों पर महामृत्युंजय द्वार सहित अन्य द्वारों पर भी दीपों को सजाया जाये। महाकालेश्वर मन्दिर के पुजारी श्री प्रदीप गुरू ने कहा कि दीपोत्सव की थीम पर नारा प्रचारित किया जाये। शहर के महाविद्यालय, विद्यालय एवं कोठी पैलेस पर भी दीपोत्सव मनाया जाये। श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि घर-घर एवं चौराहों पर तथा मन्दिर-मन्दिर पर दीपोत्सव आयोजित किया जाये व एक नियत समय पर शहर में ब्लेकआऊट कर केवल दीपों की रोशनी से ही शहर को जगमग किया जाये। श्री भगवान खांडेकर ने कहा कि उनका समाज रविदास घाट पर दीप लगाने की जिम्मेदारी लेता है। श्री ऋषिराज अरोरा ने पूरे शहर में धर्म पताकाएं फहराने का सुझाव दिया। श्री रामचंद्र गिरी ने शिवरात्रि पर्व पर आयोजित होने वाले दीपोत्सव का लाईव प्रसारण करने, श्री विशाल हाड़ा ने टॉवर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर दीप सजाने का सुझाव दिया। सिंधी समाज की ओर से श्री दीपक राजवानी ने समाज की प्रत्येक दुकान पर 21-21 दीपक लगाने की जानकारी दी। महन्त श्री रामेश्वरदास ने रामादल की ओर से प्रत्येक अखाड़े में 1008 दीपक लगाने की बात कही। श्री कुतुब फातेमी ने प्रत्येक शिवरात्रि पर दीपोत्सव का आयोजन कर एक परम्परा विकसित करने की बात कही। श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी ने ब्राह्मण समाज की ओर से 21 हजार दीप प्रज्वलित करने की बात कही। श्री गिरीश जायसवाल ने शहर के सभी जायसवाल समाज के मन्दिरों में 11 हजार दीप लगाने तथा महाकाल आरती के समय एक ही समय पर शहर के सभी मन्दिरों में आरती आयोजित करने का सुझाव दिया। श्री जगदीश पांचाल ने विश्वकर्मा मन्दिर में सात हजार दीप प्रज्वलित करने की बात कही। श्री सुदर्शन आयाचित ने महाकाल मन्दिर में शिवरात्रि के अवसर पर नृत्य संध्या आयोजित करने का सुझाव दिया।

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