जबलपुर में आंगनबाड़ी के मददगार बन रहे लोग, बच्चों का सुधरेगा भविष्य

आंगनबाड़ी को गोद लेने के क्रम में लोग आगे आ रहे हैं। संभागायुक्त भी खुद आंगनबाड़ी गोद ले चुके हैं। इसके साथ-साथ अफसरों से लेकर समाजसेवी लोग और सामाजिक संस्थाएं भी इसमें आगे आ रही हैं।

यह प्रयास आंगनबाड़ी के बच्चों का भविष्य बेहतर करेगा, साथ ही आंगनबाड़ियों की दशा भी सुधरेगी। ग्वालियर जिले में भी समुदाय की भागीदारी से आंगनवाड़ी केंद्राें को सुदृढ़ करने के लिए एडाप्ट एन आंगनबाड़ी अभियान चलाया जा रहा है। अब तक जिले के 980 सेवाभावी नागरिक अर्थात सहयोगी इस पुनीत अभियान में अपना पंजीयन करा चुके हैं।

महिला बाल विकास विभाग द्वारा पंजीयन करा चुके सभी सहयोगियों से संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र में आवश्यक सहयोग के लिए सहमति प्राप्त की जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास राजीव सिंह ने बताया कि हर सहयोगी अपनी पंसद के आंगनबाड़ी केंद्र को एक तरह से गोद लेकर उसके सुदृढ़ीकरण में अपना योगदान देंगे। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1459 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें से 980 आंगनबाड़ी केंद्राें के लिए सहयोगियों

द्वारा अपना पंजीयन करा लिया है। पंजीकृत सहयोगियों में से 700 सहयोगियों से सहमति भी प्राप्त कर ली गई है। जिले की शेष आंगनबाड़ियों के लिए भी सेवाभावी नागरिकों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक वर्ष के लिए किया जाएगा आंगनबाड़ी को एडाप्ट अभियान में आंगनबाड़ी केंद्राें को अपनाने के लिए जन- प्रतिनिधि, शासकीय सेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन, गैर शासकीय संस्थाएं, आद्यौगिक संस्थाएं और अन्य संगठन आंगनबाड़ी संचालन, पोषण सुधार एवं अधोसंरचना आदि गतिविधियों में सहयोग कर सकते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र को एक वर्ष के लिए एडाप्ट किया जाएगा। संबंधित व्यक्ति आंगनबाड़ी केंद्र से आनलाइन या आफलाइन संपर्क कर सकेंगे।

इस प्रकार का सहयोग दिया जा सकेगाः आंगनबाड़ी केंद्राें को अपनाने के लिए आंगनबाड़ी भवन एवं परिसर के लिए भूमि, आंगनबाड़ी भवनों और कक्षों का निर्माण, पूर्व से निर्मित भवनों का सुधार, रंग-रोगन, पूर्व से निर्मित भवनों की बाउंड्रीवाल का निर्माण, केंद्र में हैंड पंप की स्थापना, बच्चों के लिए सुलभ शौचालय, आउटडोर एवं इंडोर खेल सामग्री का प्रदाय, बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध कराना, केंद्र के संचालन में आवश्यक सामग्री जैसे पंखा, घड़ी, फर्नीचर, बर्तन आदि उपलब्ध करा सकते हैं। साथ ही जन-प्रतिनिधि बच्चों को पोषण सुधार के लिए आवश्यक वित्तीय या पोषण सामग्री का प्रदाय, अति कम वजन वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्राें में भेजने के लिए आवश्यक सहयोग तथा उसके परिवार को आवश्यकतानुसार वित्तीय सहयोग कर सकते हैं।

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