उज्जैन। कर्मो का लेखा जोखा रखने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त जी के नाम से क्षिप्रा तट स्थित रामघाट के पास चित्रगुप्त घाट बनाने की मांग कायस्थ समाज ने की है । प्राचीन समय से ही धर्मराज व चित्रगुप्त मन्दिर रामघाट पर बने है जिनकी नियमित पूजा पाठ की जाती है और चित्रगुप्त जी का वंशज कायस्थ समाज है। शिवरात्रि पर होने वाले दीपोत्सव में समाज भी सहभागिता करेगा जिसको लेकर रविवार को वृहद बैठक बुलाई गई है। जिलाध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्राणियों के कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त भगवान ने अवन्तिका नगरी में हजारों वर्षो तक तपस्या की थी इसी कारण से अंकपात व रामघाट क्षेत्र में धर्मराज व चित्रगुप्त भगवान का मंदिर है जिसका पौराणिक कथाओं में भी प्रसंग आता है । धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कायस्थ समाज ने प्रशासन से छोटी पुलिया तरफ वाले घाट का नाम चित्रगुप्त घाट करने की मांग की है चूंकि घाट पर मन्दिर भी बना हुआ है । भाई दूज व चित्रगुप्त जयंती को क्षिप्रा तट पर महाआरती की जाती है।
- चित्रगुप्त घाट बनने से कलम दवात के देवता की आराधना कर पाएंगे लोग ……
दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि चित्रगुप्त घाट बनने के बाद क्षिप्रा तट पर विराजित भगवान श्री चित्रगुप्त जी की प्रतिमा का नजारा अलग ही दिखने लगेगा जिससे कलम दवात के देवता की आराधना करने के लिए अच्छा मनमोहक स्थान हो जाएगा । घाट पर भजन आरती व अन्य धार्मिक गतिविधियों भी हो पाएगी
दीपोत्सव में समाज भी भागीदार बनेगा….
प्रशासन की अपील पर शिवरात्रि महोत्सव पर 11 लाख दिए लगाने में कायस्त समाज भी अपनी भूमिका निभाएगा जिसके लिए एक सुझाव बैठक भी आगामी 13 फरवरी रविवार को केंद्रीय कार्यालय विद्यानगर पर शाम 4 बजे रखी है ।