अब छोटे सरकारी अस्पतालों में भी प्राइवेट पैथलैब्स के कलेक्शन सेंटर की तरह जांचें कराने के लिए सैंपल देकर फ्री टेस्ट करा सकेंगे। सैंपल देने के छह से 12 घंटे में सैंपल की जांच कर मोबाइल पर SMS के जरिए रिपोर्ट मिल जाएगी। इसके लिए प्रदेश के 324 अस्पतालों में हब सेंटर के तौर पर लैब तैयार की जा रही हैं। इन हब सेंटर्स से 1610 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्पोक के तौर पर सैंपल कलेक्शन सेंटर के रूप में संचालित किया जाएगा। 34 प्रकार की जांचें लैब में होंगी और 11 टाइप के कार्ड टेस्ट अस्पताल में तुरंत के रैपिड किट के जरिए किए जाएंगे।
अफसरों के मुताबिक एक महीने पहले 7 जनवरी से भोपाल के अशोका गार्डन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। अच्छे रिस्पॉन्स के बाद इसे भोपाल और उज्जैन संभाग के सभी अस्पतालों में लागू किया जा रहा है। एनएचएम की एमडी प्रियंका दास का कहना है कि मार्च तक सभी जिलों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
सैंपल लैब तक पहुंचाएंगे रनर
भोपाल में बैरसिया, कोलार, गांधीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लैब तैयार कर यह चार हब सेंटर बनाए गए हैं। इनसे भोपाल जिले के 10 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) और ग्रामीण क्षेत्रों के 48 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को स्पोक के रूप में जोड़ा गया है। स्पोक पर मरीज का सैंपल लेकर पोर्टल पर एंट्री की जाएगी। भोपाल जिले में स्पोक से हब (लैब ) तक सैंपल पहुंचाने के लिए रनर नियक्त किए गए हैं। सैंपल की एंट्री होते ही रनर तक सूचना पहुंच जाएगी। वह स्पोक से दिन में दो बार सैंपल लेकर लैब तक पहुंचाएगा। यहां जांच के करीब छह से 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट मरीज के मोबाइल पर पहुंच जाएगी।
यह है हब एंड स्पोक मॉडल
एनएचएम के अधिकारियों ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल, सीएचसी और शहरी और ग्रामीण पीएचसी को हब बनाकर यहां लैब स्थापित की गई है। इस हब से उस क्षेत्र की पीएचसी को स्पोक मानते हुए मैप किया गया है। हब (जिस अस्पताल में लैब स्थापित है) के अंतर्गत आने वाले स्पोक (जिन पीएचसी में सैंपल लिए जाएंगे) में एकत्रित होने वाले सैंपल को जांच के लिए लैब तक एक कलेक्शन टीम के जरिए पहुंचाया जाएगा। जैसे ही स्पोक यानि पीएचसी पर बारकोडिंग कर सैंपल कलेक्ट हो जाएगा। लैब स्थापित करने वाली कंपनी के कंट्रोल रूम में सूचना पहुंच जाएगी। रोजाना दिन में दो से तीन बार तय पैरामीटर्स के अनुसार टेम्प्रेचर मेंटेन करते हुए कलेक्शन टीम सैंपल गांव के अस्पताल से लेकर हब यानि लैब तक पहुंचाएगी। यहां जांच के बाद एसएमएस से मरीज को रिपोर्ट मिल जाएगी। वह चाहे तो प्रिंटआउट अस्पताल से भी ले सकता है।
मप्र में हब सेंटर 324: इन अस्पतालों में लैब स्थापित की गई है
अस्पताल | मप्र | भोपाल |
सीएचसी | 251 | 02 |
पीएचसी | 14 | 00 |
सिविल अस्पताल | 49 | 01 |
यूपीएचसी | 10 | 01 |
मप्र में स्पोक 1610 : इन अस्पतालों में जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे
अस्पताल | मप्र | भोपाल |
सीएचसी | 66 | 00 |
पीएचसी | 1209 | 10 |
सिविल अस्पताल | 17 | 00 |
यूपीएचसी | 318 | 48 |
लैब में यह 34 टेस्ट होंगे निशुल्क
हीमोग्लोबिन इस्टीमेशन, सीरम आयरन, सीबीसी, ब्लड शुगर, एचबीए1सी, जीटीटी, एनएस-1फॉर डेंगू, डी-डायमर, डेंगू आईजीजी/एम, सीआरपी, विटामिन डी, आरए फैक्टर, टीएसएच, टी-3, टी-4, एलएच, एफएसएच, सीरम बिलिरूबिन डायरेक्ट एंड इंडायरेक्ट, सीरम क्रिएटिनिन, सीरम यूरिक एसिड, सीरम प्रोटीन टोटल, सीरम ट्रिग्राइसेराइड, सीरम कोलेस्ट्रोल, सीरम एचडीएल, सीरम एलडीएल, एसजीपीटी, एसजीओटी, चिकनगुन्या, अल्कालाइन फॉस्फेट्स, ट्रोपोनिनि-आई, एएसओ, सीकेएमबी, सीरम कैल्शियम, जी-6पीडी।
रैपिड टेस्ट किट से यह 11 प्रकार की जांचे होंगी
यूपीटी, मलेरिया, यूरिन शुगर, यूरिन एल्बूमिन, थाइपॉइड, एचआईवी, विडाल ट्यूब मैथड, ब्लड़ ग्रुपिंग, एचबीएसएजी, वीडीआरएल, ग्लूकोमीटर द्वारा ब्लड़ शुगर की जांच अस्पताल में रैपिड टेस्ट किट से की जाएगी।
लैब में यह तीन विदेशी एडवांस मशीनें
- स्वीडन में बनी 3 पार्ट सेल काउंटर मशीन
- हार्मोनल टेस्ट के लिए F-200 एसडी बायोसेंसर मशीन
- बायोकेमिस्ट्री टेस्ट के लिए एनवी-50 मशीन
तीन प्रकार से मिल सकेगी रिपोर्ट
- मोबाइल पर एसएमएस में दी गई लिंक से
- अस्पताल से प्रिंटआउट लेकर
- पेशेंट पोर्टल पर मोबाइल नंबर के जरिए
शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर
एनएचएम और लैब सर्विस का काम करने वाली कंपनी साइंस हाउस ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है। जांच के एवज में पैसे मांगने पर और कोई शिकायत होने पर टोल फ्री नंबर 022-42792157 पर कंप्लेन की जा सकती है। आम मरीजों के लिए एक पेशेंट पोर्टल भी बनाया जा रहा है।
मार्च तक पूरे प्रदेश के अस्पतालों में यह सुविधा मिलने लगेगी
गांव और घनी बस्ती में रहने वाले मरीजों को जांच के लिए जिला अस्पताल तक न आना पड़े, इसके लिए पीएचसी स्तर तक करीब 45 प्रकार की जांचें शुरू की जा रहीं हैं। फर्स्ट फेज में भोपाल और उज्जैन संभाग के अस्पतालों में शुरू कर रहे हैं। मार्च तक पूरे प्रदेश के अस्पतालों में यह सुविधा मिलने लगेगी।
– प्रियंका दास, एमडी, एनएचएम