रंग-बिरंगे नौ किस्मों के सात क्विंटल फूलों की खुशबू के बीच दर्शन के लिए भक्तों में होड़ मची। मां परांबा का जयघोष गूंजा। आकर्षक रेशमी वस्त्रों से मां परांबा का महल सजाया गया।
भजनों पर महिलाएं थिरकीं। गुप्त नवरात्र के अंतिम दिन महानंदा नवमी पर शाम को एरोड्रम रोड स्थित श्रीविद्याधाम में मंदिर के 27वें वार्षिकोत्सव का समापन फूल बंगला दर्शन के साथ हुआ।
दीपक कुसुमाकर और उनके दस साथियों ने मनोहारी पुष्प बंगला सजाया। सात क्विंटल फूलों से मां परांबा भगवती, आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी गिरिजानंद सरस्वती ‘भगवन” के मंदिर सहित परिसर के 11 देवालयों की सजावट की गई थी। इनमें गुलाब, मोगरा, कुंद, डच गुलाब, बिजली, आर्केड जैसे फूलों के अलावा थाईलैंड के कार्नेशियन प्रजाति के फूलों का प्रयोग किया गया।
देर रात तक चला दर्शन का सिलसिला – आश्रम ट्रस्ट के पूनमचंद अग्रवाल व दिनेश शर्मा के अनुसार शाम से देर रात तक करीब दस हजार भक्तों ने फूल बंगले के दर्शन किए। इनमें कवि सत्यनारायण सत्तन, उद्योगपति दिनेश मित्तल, विधायक संजय शुक्ला, पूर्व पार्षद निरंजनसिंह चौहान गुड्डू आदि भी शामिल थे। 108 दीपों से महाआरती की गई।
गुप्त नवरात्र का समापन, यज्ञ-हवन की पूर्णाहुति – माघ मास की गुप्त नवरात्र का समापन गुरुवार को हुआ। शहरभर के माता मंदिरों में पूजन-अर्चन के लिए भक्तों की कतार लगी। राजवाड़ा चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में आकर्षक श्र्ाृंगार कर छप्पन भोग लगाया गया। भक्तों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया। बिजासन माता मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, दुर्गा माता मंदिर में नवमी पर विशेष पूजन किया गया। यज्ञ-हवन सहित अन्य अनुष्ठानों की पूर्णाहुति हुई। हरसोला स्थित स्वयंभू मां भवानी माता मंदिर में गुप्त नवरात्रि के समापन अवसर पर कन्याओं का पाद पूजन किया गया और भोजन प्रसादी वितरित की गई। पुजारी बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि शक्ति की उपासना से मानव का कल्याण होता है। मुख्य अतिथि समाजसेवी राजकुमार पाटवाला थे। संचालन मदन परमालिया ने किया। आभार भरत शर्मा ने माना।