पंचांग का प्रकाशन; गुड़ी पड़वा पर उज्जैन का जन्मोत्सव भी मनेगा, सोशल मीडिया चैनल भी शुरू करेंगे

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उज्जैन – विक्रम संवत् पर नए साल का जश्न इस बार 9 दिन मनेगा। खास बात यह होगी कि 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर उज्जैन का जन्मोत्सव भी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। विक्रमोत्सव में नाट्य प्रस्तुतियों, संगीत, कवि सम्मेलन, मूर्तिकला कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि के साथ विक्रमादित्य अलंकरण दिए जाएंगे। विक्रम पंचांग का प्रकाशन होगा। विक्रमादित्य शोध पीठ के सोशल मीडिया चैनल की शुरुआत की जाएगी।

सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित विक्रम संवत् की शुरुआत गुड़ी पड़वा चैत्र प्रतिपदा से होती है। नए साल के मौके पर नगर में विक्रमोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस साल 9 दिनी उत्सव 25 मार्च से शुरू होगा तथा 2 अप्रैल चैत्र प्रतिपदा पर समाप्त होगा।

शुक्रवार को विक्रमोत्सव को लेकर आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने सभी नगरों, ग्रामों का जन्मोत्सव मनाने को कहा है। इस बार नए साल पर विक्रमोत्सव के साथ नगर का जन्मोत्सव भी होगा। चैत्र प्रतिपदा पर 2 अप्रैल को सूर्योदय को अर्घ्य देने के साथ महाकाल को ध्वज अर्पित होगा।

रामघाट पर शिप्रा नदी में मंच पर होगा मुख्य समारोह

बैठक में तय किया कि मुख्य समारोह के लिए रामघाट पर नदी में मंच बनाया जाएगा। रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर बैठकर नागरिक कवि सम्मेलन और अन्य आयोजनों का आनंद लेंगे। इसके लिए शिप्रा में साफ पानी का बंदोबस्त किया जाएगा। गीतकार मनोज मुंतशीर, कवि हरिओम पंवार, कुमार विश्वास, कविता तिवारी जैसे ख्यात कवियों को आमंत्रित किया जाएगा। इस बार चैत्र प्रतिपदा की संध्या पर भी गीत-संगीत का आयोजन किया जा सकता है।

विक्रम स्मृति ग्रंथ का पुन: प्रकाश होगा

संवत् 2000 के मौके पर प्रकाशित विक्रम स्मृति ग्रंथ का पुन: प्रकाशन इस मौके पर किया जाएगा। विक्रम पंचांग का भी प्रकाशन होगा। विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा प्रकाशित संवत प्रवर्तक विक्रमादित्य, बेताल पच्चीसी, मालवा की जनपदीय मुद्राएं पुस्तकों का विमोचन भी होगा। विक्रमादित्य शोधपीठ के श्रीराम तिवारी ने बताया विक्रमोत्सव केवल नगर में ही नहीं विभिन्न राज्यों के 10 शहरों में भी आयोजित होगा। उन्होंने प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा अंतिम निर्णय भोपाल में लिया जाएगा।

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