कट्टरवादी मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े लोग इस बार शहर में झंडा नहीं फहरा पाए। सुबह मुस्लिम बहुल क्षेत्र में पुलिस बल तैनात रहा।
बीते वर्ष इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। बता दें कि पीएफआइ हर वर्ष 17 फरवरी को अपना स्थापना दिवस मनाती है। इस मौके पर संगठन का झंडा भी फहराया जाता है। कुछ वर्षों से यहां आयोजन हो रहे थे। इधर बीते वर्ष संगठन के कुछ सदस्यों द्वारा भड़काऊ भाषण देने और ज्ञापन आदि में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किए थे। इसके बाद से ही पुलिस संगठन से जुड़े लोगों पर निगरानी रखे हुए है।
उज्जैन में सुबह ही तैनात रहा पुलिस बल
पीएफआइ द्वारा झंडा फहराने की सूचनाओं के बीच पुलिस बल सुबह से ही शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में तैनात हो गया था। सीएसपी पल्लवी शुक्ला आदि अधिकारी निरीक्षण करते रहे। कहीं भी झंडा नहीं फहराया गया। कुछ स्थानों पर दोपहर तक बल तैनात रहा।
उज्जैन में 2021 में पीएफआइ की सभा के बाद तीन प्रकरण दर्ज हुए थे
उज्जैन शहर में फरवरी 2021 में ही पीएफआइ ने नागौरी मोहल्ले में सभा की थी। सभा की अनुमति रात 10 बजे तक थी और आयोजन में 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी, मगर आयोजकों ने नियम तोड़े। सभा में 100 से अधिक लोग शामिल हुए थे। महाकाल थाना पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ कायमी की थी। वहीं बिना अनुमति झंडा फहराने को लेकर भी कोतवाली पुलिस ने इन पर प्रकरण दर्ज किया था। इसी तरह त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ कलेक्टर को दिए गए एक ज्ञापन में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर उज्जैन की माधवनगर पुलिस ने भी पीएफआइ के छह सदस्यों पर प्रकरण दर्ज किया था।